देवलगढ़ के मुख्य पुजारी ने सीडीओ को सौंपा प्रस्ताव
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। सिद्घपीठ राजराजेश्वरी देवलगढ़ के मुख्य पुजारी ने श्रीनगर-धारीदेवी, देवलगढ़, खिर्सू व पौड़ी पर्यटन सर्किट विकसित किए जाने के लिए सुझाव प्रस्ताव दिया है। उन्होंने सीडीओ पौड़ी को प्रस्ताव सौंपते हुए देवलगढ़ के धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व की विस्तार से जानकारी दी। सीडीओ पौड़ी ने उन्हें क्षेत्र के समुचित विकास का भरोसा दिया।
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने श्रीनगर व पौड़ी क्षेत्र के मंदिरों को एक सर्किट के रुप में विकसित किए जाने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए थे। साथ ही मंदिरों के पुजारियों व महंतों से प्रस्ताव सीडीओ पौड़ी को सौंपने का आग्रह किया था। जिसके तहत शुक्रवार को राजराजेश्वरी मंदिर देवलगढ़ के मुख्य पुजारी कुंजिका प्रसाद उनियाल ने सीडीओ पौड़ी आशीष भटगाई से मुलाकात कर उन्हें देवलगढ़ के विकास को लेकर सुझाव प्रस्ताव सौंपा। इस मौके पर मुख्य पुजारी उनियाल ने बताया कि देवलगढ़ का ऐतिहासिक व धार्मिक महात्म्य किसी से छिपा नहीं है। लेकिन इस धरोहर को तीर्थाटन व पर्यटन मानचित्र पर अभी तक उचित स्थान नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि गढ़ नरेश की राजधानी, सिद्घ नाथों की समाधि, भैरवनाथ गुफा, प्राचीन सुरंगें, गौरा देवी मंदिर, राजमहल, राजराजेश्वरी मंदिर जैसी अनेक धार्मिक व ऐतिहासिक धरोहरें देवलगढ़ में हैं। जिन्हें श्रद्घालुओं व पर्यटकों से रुबरु कराए जाने के साथ ही संरक्षित किए जाने की आवश्यकता है। उनियाल ने देवलगढ़ में पार्किंग सुविधा, सड़क से गौरादेवी मंदिर होते हुए राजराजेश्वरी मंदिर तक सीसी मार्ग, टाइल्स लगाए जाने, मार्ग में यात्रियों के लिए बैंच निर्माण, रैलिंग निर्माण और सोलर लाइट लगाए जाने की मांग की। साथ ही उन्होंने पर्यटन व धार्मिक स्थली को बंदरों के आतंक से बचाने के लिए पूरे परिसर को 8 से 10 फीट ऊंची तारबाड़ किए जाने की भी मांग की है।