उत्तराखंड के छह जिलों में लोगों के खानपान का होगा आकलन
ाषिकेश। एम्साषिकेश में डाइट एंड बायोमार्कर स्टडी इंडिया परियोजना प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें विभिन्न आयु समूहों के बीच व्यक्तिगत भोजन और पोषक तत्वों के सेवन का आकलन करने पर चर्चा की गई। विभिन्न टीमें उत्तराखंड के छह जिलों में लोगों के खानपान का डाटा भी एकत्रित करेंगी। गुरुवार को एम्स में आईसीएमआर और राष्ट्रीय पोषण संस्थान हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का कार्यकारी निदेशक मीनू सिंह ने उद्घाटन किया। सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सेना ने बताया कि डीएबीएसआई परियोजना देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तीन चरणों में संचालित की जा रही है। परियोजना में चिह्नित जिलों में मात्रात्मक 24 घंटे आहार स्मरण का उपयोग करके विभिन्न आयु समूहों के बीच व्यक्तिगत भोजन और पोषक तत्वों के सेवन का आकलन करना शामिल है। चयनित घरों में एनीमिया, मधुमेह, मोटापा और अन्य संबंधित पोषण संबंधी बायोमार्कर की व्यापकता का आकलन कर शहरी और ग्रामीण आबादी के बीच आमतौर पर खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों से भोजन की संरचना का आकलन होगा। प्रथम चरण में छह से आठ महीने की अवधि में उत्तराखंड राज्य के छह जिलों हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंहनगर, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी के 100 गांवों और शहरी वार्डों से डाटा एकत्रित किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में ड़ हेमंत महाजन, ड़ देवराज जेपी, ड़ वीरेंद्र पानपाटिल, वंकुदावथ राजू नाइक, ड़ अरुणा तलारी आदि मौजूद रहे।