उत्तराखंड

डिप्लोमा इंजीनियरों ने उठाई पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग

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देहरादून। डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने 2005 के बाद नियुक्त इंजीनियरों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग की है। इसके साथ ही इंजीनियरों ने राज्य में बाहरी एजेंसियों को काम न देने और तबादला एक्ट की खामियों को दूर करने का अनुरोध किया है। डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने बुधवार को भी यमुना कलोनी स्थित लोनिवि और सिंचाई मुख्यालय के बाहर धरना दिया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि राज्य के विभिन्न विभागों में 2005 के बाद नियुक्त सभी इंजीनियरों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने तबादला एक्ट की खामियों को दूर करने की मांग की। उन्होंने कहा कि तबादला एक्ट की वजह से कई इंजीनियर सालों पहाड़ पर सेवा देने के बाद भी सुगम में नहीं आ पा रहे हैं। इंजीनियरों ने इस दौरान कनिष्ठ अभियंता को 10 साल की सेवा के बाद 5400 ग्रेड वेतनमान देने, सेवाकाल में तीन प्रमोशन देने, कनिष्ठ अभियन्ता व अपर सहायक अभियन्ता के मोटर साईकिल या स्कूटर भत्ता देने, समूह ख के तहत आने वाले इंजीनियरों को कार भत्ता देने, अन्य विभागों की भांति तीनों ऊर्जा निगमों में इंजीनियरों को 4800 ग्रेड का लाभ 1 जनवरी 2009 से देने और सहायक इंजीनियरों के पदों पर पदोन्नति का कोटा 50 प्रतिशत करने की मांग उठाई। इंजीनियरों ने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं करती तो महासंघ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा। धरना स्थल पर महासंघ के प्रान्तीय अध्यक्ष एसएस चौहान, महासचिव मुकेश रतूडी, उपाध्यक्ष उपेन्द्र गोयल, सिंचाई विभाग डिप्लोमा इंजीनियर संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष भरत सिंह डांगी, लोनिवि डिप्लोमा इंजीनियर संघ के प्रदेश अध्यक्ष आरसी शर्मा, सुरेश जोशी, मनोज बरगली, विरेन्द्र गुंसाई आदि मौजूद रहे।

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