वेबिनार में जल संरक्षण पर की चर्चा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नेहरू युवा केन्द्र, पौड़ी (युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा जल शक्ति अभियान के कैच द रेन के द्वितीय चरण के कार्यक्रम के तहत जनपद पौड़ी, चमोली तथा रुद्रप्रयाग के युवाओ के साथ वेबिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान वर्षो जल संरक्षण विषय पर चर्चा की गई।
जिला युवा अधिकारी शैलेश भट्ट ने वेबिनार के शुभारंभ में विगत वर्ष जल शक्ति अभियान कार्यक्रम के कैच द रेन के प्रथम चरण के कार्यक्रमों की उपलब्धि पर बोलते हुए कहा कि वर्षा के जल संरक्षण के प्रति लोग जागरुक हुए हैं। मुख्य वक्ता नरेंद्र सिंह रावत प्रबन्धक, प्रेरणा जागृति समिति, ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भूजल की आवश्यकता होती है, ताकि पेड़-पौधों को पर्याप्त जल मिल सके। सर्वप्रथम प्राकृतिक जल स्रोतों, तालाब, धारों, नौलों के आस-पास ऐसे वृक्ष लगाएं जाऐं जो पानी रिचार्ज करते हैं जैंसे बांज, बुरांश आदि साथ ही हमारे घर का किचन का पानी बाहर खुले में नाली में बहता रहता है, उसे पाइप के द्वारा जमीन के अन्दर डाल देना चाहिए। उनके द्वारा वेबिनार में चित्र के माध्यम से युवाओं को जानकारी दी गई साथ ही कहा कि हाइड्रोजन ईंधन का प्रयोग अपने दैनिक उपयोग में किया जाए क्योंकि हाइड्रोजन गैस जलकर पानी देती है। जापान जैंसे देश का अनुसरण कर हाइड्रोजन के प्लान्ट लगाये जाने चाहिए। वेबिनार के द्वितीय वक्ता लोकेश रावत ने कहा कि जल संरक्षण के लिए विद्यालय स्तर से जागरुकता प्रारम्भ कर एन०एस०एस०, एन०सी०सी तथा भारत स्काउट एण्ड गाइड के युवाओं को सम्मिलित कर एक मुहिम चलानी आवश्यक है। जनमानस को रैली, गोष्ठी तथा सार्वजनिक स्तर पर नारा लेखन के माध्यम से जागरुक तथा जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया जाए। जिला युवा अधिकारी रुद्रप्रयाग व चमोली के जिला युवा अधिकारी राहुल डबराल द्वारा बताया गया कि घर का निर्माण करते समय घर की छत ऐंसी बनाई जाए ताकि बारिश के समय छत का पानी एक जगह गिरे जिसे टेंक में एकत्रित कर बागवानी के लिए प्रयोग किया जा सके । जिससे वर्षा के जल को संरक्षित करने को सार्थकता परिलाक्षित हो। कार्यक्रम का संचालन करते हुए आकाशवाणी के उद्घोषक योगम्बर पोली ने कैच द रेन गीत के साथ युवाओं को बारिश के पानी को एकत्रित करने का संदेश दिया। वेबिनार में पौड़ी से रा०युवा स्वयंसेवी सोनी, हरिओम ध्यानी, शालिनी तथा रुद्रप्रयाग से राजेन्द्र कुमार तथा चमोली से वन्दना गुसांई द्वारा जल संरक्षण हेतु किये गये कार्यों के अनुभव साझा किये। वेबिनार में पौड़ी, पाबौ, कोट, जयहरीखाल, एकेश्वर, कल्जीखाल तथा द्वारीखाल के स्वयंसेवियों ग्राम बेतालधार, भिलाड़गांव, ताल, कठुड, सिमखेत, सुरमाड़ी मल्ली, मासौं तथा गोविन्दपुर के युवा मण्डलों के साथ उपस्थित रहे।