कोटद्वार-पौड़ी

कोषागारों में गबन के मामले के रिकॉर्ड तलब

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : जिले की पौड़ी और श्रीनगर कोषागार में हुए सरकारी धन के गबन के मामले में सीडीओ ने कोषागार से रिकॉर्ड तलब कर दिए हैं। इस मामले में डीएम ने दो लिपिकों को निलंबित करते हुए सीडीओ को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था। दोनों ही लिपिकों के विरुद्ध थाने में मुकदमें दर्ज हैं। जिस पर डीएम पौड़ी पौड़ी डा. विजय कुमार जोगदंडे ने दोनों ही लिपिकों को निलंबित कर जांच सीडीओ को सौंपी थी। जांच अधिकारी एवं सीडीओ प्रशांत आर्य ने बताया कि जांच के लिए उन्हें नामित किया गया है। इस मामले में कोषागार से रिकार्ड तलब कर दिया गया है। अब जांच समिति का गठन कर दो सप्ताह में रिपोर्ट डीएम को भेज दी जाएगी। जांच समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फिलहाल आरोपी दोनों ही लिपिकों को दूरस्थ कोषगारों से अटैच किया जा रहा है। कोषागार पौड़ी में 15 लाख से अधिक, जबकि उप कोषागार श्रीनगर में 34 लाख से अधिक सरकारी धन के गबन के मामले में तीन कार्मिकों की संलिप्तता सामने आई थी। जिनमें एक कार्मिक की एक साल पहले मौत हो चुकी है। इस मामले में आरोपी कोषागार पौड़ी के लेखा लिपिक नितिन रावत को धुमाकोट और उप कोषागार श्रीनगर के लेखा लिपिक सुभाष चंद्र को थलीसैंण अटैच कर दिया गया है। नितिन रावत के खिलाफ कोतवाली पौड़ी में बीती 9 जनवरी को तो लिपिक सुभाष चंद्र के खिलाफ कोतवाली श्रीनगर में 11 जनवरी को मुकदमा दर्ज किया गया था।
सरकारी धन के गबन मामले में आरोपी कार्मिक व परिजन पहले ही गबन की धनराशि कोषागार में भी जमा करा चुके हैं। मुख्य कोषाधिकारी पौड़ी गिरीश चंद्रा ने बताया कि कुल 53 लाख 97 हजार 779 रुपए के गबन का मामला सामने आया था। जिसमें पौड़ी में 15 लाख 36 हजार 362 रुपए, और श्रीनगर में 17 लाख 34 हजार 424 रुपए का गबन शामिल है। जबकि सहायक लेखाकार हरिदर्शन सिंह बिष्ट ने 21 लाख 26 हजार 993 रुपए का गबन किया। उनकी एक साल पहले ही मौत हो चुकी है।

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