उत्तराखंड

यात्रा पड़ावों में ठहरने एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर डीएम ने ली बैठक

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रुद्रप्रयाग। आगामी 6 मई से शुरू होने वाली केदारनाथ धाम की यात्रा को लेकर अनेक पड़ावों में ठहरने की व्यवस्था एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अफसरों की बैठक ली। इस दौरान गढ़वाल मंडल विकास निगम ने गौरीकुंड से केदारनाथ तक विभिन्न पड़ावों में की गई व्यवस्थाओं के बारे में बताया जबकि अन्य विभागों ने भी अपनी तैयारियों की जानकारी दी। कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी विभागीय अफसरों को यात्रा शुरू होने से पूर्व व्यवस्थाएं बेहतर करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी को अवगत कराते हुए गढ़वाल मंडल विकास निगम के महाप्रबंधक अनिल गर्ब्याल ने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक आने वाले श्रद्घालुओं के लिए उचित आवास एवं भोजन की व्यवस्था की जा रही है। गौरीकुंड से पैदल मार्ग जंगलचट्टी में 3 हट में 18 बैड की व्यवस्था कर दी गई है। भीमबली में भुगतान पर रेस्टोरेंट की व्यवस्था उपलब्ध है। 5 हट में 30 बैड की व्यवस्था भी कर दी गई है। जबकि 4 टैंटों में 40 बैड की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि बड़ी लिंचौली में 60 बैड की व्यवस्था पक्के हट में की गई है। जबकि 352 बैड की व्यवस्था टैंट में की जा रही है। यहां भोजन की व्यवस्था भी उपलब्ध है। केदारनाथ बेस र्केप में 100 टैंट स्थापित किए जा रहे हैं, जिसमें 1000 लोगों के रहने की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही 50 टैंट की व्यवस्था घोड़ा पड़ाव एवं देवदर्शनी में की जा रही है। केदारनाथ बेस नंदी कम्पलैक्स में पक्के हट्स में 138 बैड की व्यवस्था है। एमआई-26 हैलीपैड़ के पास 80 बैड की व्यवस्था की गई है। जबकि स्वर्गारोहणी कटेज में 90 बैड की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि इस बार सुमेरू टैंट कलोनी को दोबारा स्थापित किया जा रहा है जिसमें 30 टैंट तैयार किए जा रहे है। यहां 300 लोगों के रहने की व्यवस्था होगी। नदी पार पुराना घोड़ा पड़ाव व हिम लोक परिसर में हिम लोक टैंट कलोनी के नाम से स्थापित किया जा रहा है, जिसमें 30 टैंट स्थापित होंगे और यहां करीब 300 लोगों की रहने की व्यवस्था होगी। यह कार्य प्रगति पर है। उन्होंने यह भी बताया कि केदारनाथ धाम में अन्नपूर्णा रेस्टोरेंट व अन्य स्थानों में श्रद्घालुओं के लिए खाने की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। यह सभी व्यवस्थाएं भुगतान के आधार पर होंगी। वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारियों के बारे में बताया गया कि सभी तैयारियां कर ली गई हैं। केदारनाथ यात्रा पैदल मार्ग पर 14 स्थानों पर चिकित्सा राहत केंद्र (एमआरपी) की स्थापना कर दी गई हैं, जबकि सड़क मार्ग पर पड़ने वाली चिकित्सा इकाइयों में भी व्यवस्थाएं चाक- चौबंद कर दी गई हैं। सीएमओ ड बीके शुक्ला ने बताया कि केदानाथ यात्रा के पैदल मार्ग पर स्थापित एमआरपी का संचालन 1 मई से शुरू होगा। बताया कि चीरबासा, जंगलचट्टी, भीमबली, रामबाड़ा, छोटी लिंचौली, बड़ी लिंचौली, छानी, भैरव ग्लेशियर, रुद्रा प्वाइंट, बेस र्केप व केदारनाथ धाम में चिकित्सा राहत केंद्र (एमआरपी) की स्थापना कर दी गई है। इसके अलावा सोनप्रयाग, मद्दमेहश्वर व तुंगनाथ में भी चिकित्सा राहत केंद्रों के संचालन के लिए जरूरी व्यवस्थाएं कर दी गई हैं। यात्रा मार्ग पर स्थापित एमआरपी के लिए दवा, अक्सीजन सिलेंडर आदि सामग्री गौरीकुंड तक पहुंचा दी गई है। शीघ्र ही इसे एमआरपी तक पहुंचा दिया जाएगा। बताया कि चिकित्सा इकाईयों में चिकित्सा अधिकारियों व पैरामेडिकल स्टफ की तैनाती की कार्यवाही पूरी कर दी गई है। 1 मई को चिकित्सा इकाईयों के संचालन के लिए तैनात अधिकारियों व कार्मिकों को ड्यूटी पर मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा केदारनाथ, मद्महेश्वर व तुंगनाथ में स्थापित एमआरपी में सिक्स सिग्मा व बेस र्केप एमआरपी में विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसायटी की मेडिकल टीमें भी अपनी सेवाएं देंगी।

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