दो बच्चों के हत्यारोपित गौरी शंकर की उम्रकैद की सजा सुप्रीम कोर्ट ने रखी बरकरार

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नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दो बच्चों के हत्या आरोपित गौरी शंकर की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी। गौरी शंकर के दो और चार साल के इन बच्चों की मां के साथ संबंध थे। जबकि बच्चों के पिता की मृत्यु हो चुकी थी।
जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा, श्यह सही है कि शेष जीवन की सजा को ट्रायल जज द्वारा लागू नहीं किया जा सकता था, लेकिन पूरे मामले को देखने बाद हम उसकी उम्रकैद की सजा की पुष्टि को सही मानते हैं।श् ट्रायल कोर्ट ने गौरी शंकर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी जिसे पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था।
सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को उस जनहित याचिका पर सुनवाई करने के लिए राजी हो गया जिसमें जजों, न्यायिक कर्मचारियों और वकीलों को कोविड-19 वैक्सीन के प्राथमिकता वर्ग में शामिल करने की मांग की गई है। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिवक्ता अरविंद सिंह द्वारा दाखिल इस याचिका पर सुनवाई दो हफ्ते बाद के लिए स्थगित कर दी।
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है जिसमें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के चुनाव फिजिकल फार्म में गुप्त मतदान के जरिये कराने के लिए तत्काल चुनाव समिति-2021 को निर्देश देने की मांग की गई है। यह याचिका अधिवक्ता प्रदीप कुमार यादव ने दाखिल की है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया जिसमें भारत में विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग की गई थी। यह याचिका एक गैरसरकारी संगठन बनमाली दास वेलफेयर एंड डेपलपमेंट फाउंडेशन ने दाखिल की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भाजपा की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने बृहन्मुंबई महानगरपालिका में नेता प्रतिपक्ष का पद देने की मांग की थी। 2017 में शिवसेना के साथ गठबंधन की वजह से पार्टी ने यह पद ठुकरा दिया था। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राजनीति में दोस्ती के समीकरण बेहद परिवर्तनशील होते हैं और कानूनी अधिकार पार्टियों के बीच संबंध पर निर्भर नहीं हो सकते।

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