कोटद्वार-पौड़ी

दो मासूमों की मौत पर बोली यूकेडी, पट्टा धारकों के खिलाफ दर्ज हो हत्या का मुकदमा

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार की खोह नदी में रीवर टे्रनिंग से बने तालाब में डूबने से हुई दो बच्चों की मौत पर अब जांच की मांग उठनी शुरू हो गई है। उत्तराखण्ड क्रांति दल ने मासूम बच्चों की मौत की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही पट्टा धारकों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। यूकेडी ने इस घटना के लिए स्थानीय प्रशासन और पट्टा धारकों को जिम्मेदार ठहराया है।
यूकेडी के जिला प्रभारी पौड़ी गढ़वाल महेन्द्र सिंह रावत ने आरोप लगाते हुए कहा कि खोह नदी में बच्चों की डूबने से हुई मौत के लिए स्थानीय प्रशासन और पट्टा धारक जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि खोह नदी में चैनलाइजेशन मशीन से किया गया। पट्टा धारकों ने अवैध तरीके से तीन मीटर की बजाय दस से बारह मीटर तक नदी में गड्ढे खोद दिये गये। प्रशासन ने जानकारी के बावजूद भी इसकी अनदेखी की। पत्रकारों ने जब इस मुद्दे को उठाया तो खनन कारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय स्थानीय प्रशासन ने पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिये। उन्होंने कहा कि यूकेडी समेत अन्य सामाजिक संगठनों ने आवाज उठाई की नदियों में अवैध तरीके से खनन हो रहा है। पूर्व में खनन, सिंचाई व राजस्व विभाग की टीम ने संयुक्त जांच की, लेकिन अभी तक इसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि खोह नदी में अवैध तरीके से खनन दस से बारह मीटर तक गड्ढे खोद दिये गये और उन गड्ढ़ों में पत्थर भर दिये, जो कि झील का रूप ले चुके है। जिसमें दो मासूम बच्चों की फंसने से मौत हो गई। उन्होंने कहा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। महेन्द्र रावत ने शासन-प्रशासन से पट्टा धारकों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। वहीं इस घटना पर उपजिलाधिकारी कोटद्वार योगेश मेहरा ने बताया कि दो बच्चे काशीरामपुर तल्ला में खोह नदी में नहा रहे थे, तभी नदी का जलस्तर बढ़ा गया और बच्चे उसमें डूब गये, जिस कारण उनकी मौत हो गई।
बता दें कि कोटद्वार तहसील के काशीरामपुर तल्ला में रविवार को खोह नदी में खनन कारियों द्वारा खोदे गए गड्ढे में डूबने से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। कुष्ठ आश्रम काशीरामपुर तल्ला निवासी 6 वर्षीय अरसद पुत्र फुरकान, 7 वर्षीय गुलशेर पुत्र एहसान गत रविवार दोपहर खाना खाने के बाद घर के पास खेल रहे थे। दोनों जब काफी देर तक घर नहीं आये तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। काफी खोजबीन करने के बाद भी दोनों ने नहीं मिले। बच्चों को ढूढ़ते हुए परिजन खोह नदी में पहुंचे, लेकिन काफी देर तक खोजबीन करने पर भी वह नहीं मिले। इसी दौरान नदी में नहा रहे लोगों ने बताया था कि बच्चे गड्ढ़े में फंसे हुए है। फुरकान के पड़ोसी रवि ने गड्ढे में छलांग लगाकर दोनों बच्चों को बाहर निकाला था। परिजन दोनों को राजकीय बेस अस्पताल लेकर आये थे, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया था। पुलिस ने अरसद और गुलशेर के शव का पंचायतनामा भरकर तथा पोस्टमार्टम कराने के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया था।

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