उत्तराखंड

डक्टरों ने किए हाथ खड़े, 108 एंबुलेंस कर्मियों ने कराया सुरक्षित प्रसव

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पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ सीमांत की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के कारण एक गर्भवती का सड़क किनारे एंबुलेंस में प्रसव कराना पड़ा। दो अस्पतालों में पहुंचने के बाजवूद गर्भवती को प्रसव सुविधा नहीं मिली। क्रिटिकल केस बताकर डक्टरों ने हाथ खड़े कर दिये। गर्भवती को पिथौरागढ़ ला रहे 108 सेवा के कर्मियों ने नैनीपातल के पास एंबुलेंस में नर्मल प्रसव कराया। डीडीहाट ननपाऊं की निवासी नेहा (25) को बीते रोज प्रसव पीड़ा हुई। जिस पर परिजन उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डीडीहाट लेकर पहुंचे। वहां जांच के बाद चिकित्सकों ने नेहा को भर्ती कर लिया। 24 घंटे बाद शुक्रवार सुबह चिकित्सकों ने क्रिटिकल केस बताकर नेहा को पिथौरागढ़ जिला महिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। परिजन 108 सेवा से महिला को अस्पताल लाने लगे। कनालीछीना के निकट पहुंचने पर नेहा की तबीयत बिगड़ने लगी तो परिजन उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कनालीछीना लेकर पहुंचे। वहां भी नेहा करीब आधा घंटे अस्पताल में रही, लेकिन वहां भी चिकित्सकों ने प्रसव कराने से हाथ खड़े कर दिए और परिजनों को सलाह दी कि वे गर्भवती को पिथौरागढ़ ले जाएं। परिजन एक बार फिर 108 एंबुलेंस से नेहा को लेकर पिथौरागढ़ के रास्ते लग लिये। नैनीपातल के निकट गर्भवती की प्रसव पीड़ा बढ़ गई। ऐसी स्थिति में ईएमटी हरीश सिंह ऐरी और चालक ललित पांडे ने सड़क किनारे एंबुलेंस में ही महिला का प्रसव कराने का निर्णय लिया। उन्होंने एंबुलेंस में ही नर्मल प्रसव कराया।यहां महिला ने स्वस्थ कन्या को जन्म दिया। बाद में कर्मचारी जच्चा-बच्चा को जिला महिला अस्पताल लेकर पहुंचे।
गर्भवती को जिला महिला अस्पताल लाया जा रहा था। कनालीछीना के पास पहुंचने पर अचानक गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ने लगी। जिस पर एंबुलेंस के कर्मचारियों ने सड़क किनारे वाहन खड़ा कर महिला का प्रसव कराया।- भाष्कर शर्मा, डीपीओ 108 सेवा।

 

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