देश-विदेश

1987 दोहराने की गलती ना करिए, मतदान केंद्र के बाहर धरने पर बैठ गईं महबूबा मुफ्ती

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

श्रीनगर। लोकसभा चुनाव के छठे चरण में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-रौजौरी संसदीय क्षेत्र में भी वोट डाले जा रहे हैं। इसी बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पोलिंग एजेंट की कथित गिरफ्तारी के खिलाफ बिजबेहरा में धरने पर बैठ गईं। गौरतलब है कि सुश्री महबूबा अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र से चुनाव भी लड़ रही हैं और आज इस सीट पर वोटिंग हो रही है। अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में 20 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।पीडीपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पोलिंग एजेंटों को कल रात बिना किसी कारण के अनंतनाग और दक्षिण कश्मीर के अन्य जिलों में गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘वे कारण का खुलासा नहीं कर रहे हैं..ऐसा लगता है कि उपराज्यपाल, पुलिस महानिदेशक और दक्षिण कश्मीर के पुलिस उपमहानिरीक्षक आपस में मिले हुए हैं। अगर उन्हें महबूबा मुफ्ती के संसद पहुंचने से इतना डर लगता है, तो उपराज्यपाल को मुझे चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहना चाहिए था।’उन्होंने कहा, ‘वे 1987 क्यों दोहरा रहे हैं? उनके नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मतदान प्रक्रिया के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के लोगों को जो आश्वासन दिया था.. ये लोग सभी को नुकसान पहुंचा रहे हैं और 1987 को दोहरा रहे हैं।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे निर्दोष पोलिंग एजेंटों और कार्यकर्ताओं को बिना किसी कारण के दक्षिण कश्मीर के थानों में बंद कर रखा है। पुलिस ने अभी तक इस मामले पर कोई बयान जारी नहीं किया है।सुश्री महबूबा ने आरोप लगाया, ‘कई मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को जानबूझकर खराब किए जाने की खबरें मिल रही हैं।’ पीडीपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ‘अगर उन्हें 1987 की चुनावी धांधली दोहरानी है, तो यहां मतदान कराने का नाटक क्यों किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि चुनाव में जमकर धांधली हो रही है और लोगों को परेशान किया जा रहा है और धमकाया जा रहा है।
बंद कर दी गई फोन की आउटगोइंग- महबूबा मुफ्ती
मुफ्ती ने यह भी दावा किया कि उनके मोबाइल नंबर से फोन करने की (आउटगोइंग कॉल) सुविधा बिना किसी स्पष्टीकरण के निलंबित कर दी गई है। उन्होंने बताया, मैं सुबह से कोई फोन कॉल नहीं कर पा रही हूं। अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र में मतदान के दिन अचानक सेवाओं को निलंबित करने का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।बता दें कि 1987 के विधानसभा चुनाव में धांधली के आरोप लगाए गए थे। चुनाव परिणाम घोषित करने में एक सप्ताह की देरी की गई थी। आरोप था कि मतपत्रों को बदलकर मोहिउद्दीन शाह को जितवाया गया था। पहले वह हार मा चुके थे लेकिन फिर उन्हें विजयी घोषित किया गया। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे थे। मतदान में गड़बड़ी की बात पर सलाहुद्दीन और मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट के कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई थी। इस चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीति की दिशा बदल गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!