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जिम कॉर्बेट पार्क के झिरना जोन में दिखा इजिप्शियन वल्चर

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देहरादून। कोविड कर्फ्यू में कॉर्बेट पार्क का जंगल वन्यजीव व पक्षियों के अनुकूल हो गया है। गर्मियां शुरू होते ही उत्तरी अफ्रीका व अन्य जगहों से कॉर्बेट पार्क के ढिकाला में प्रवास पर आने वाली इजिप्शियन वल्चर (गिद्ध) ने अपना दायरा बढ़ा दिया है। इजिप्शियन वल्चर कॉर्बेट के झिरना जोन में भी दिखाई दिया है। गिद्ध के ढिकाला के बाद झिरना जोन में दिखाई देने से प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है। जिम कॉर्बेट पार्क में करीब 600 प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं। ढिकाला की रामगंगा, कोसी, तुमड़यिा डैम, कालागढ़ डैम में पक्षियों की चहचहाट पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती है। विदेशी सैलानी भी पक्षियों को देखने के लिए कई दिनों तक पार्क में बने गेस्ट हाउस में रुकते हैं। वहीं कोरोना कर्फ्यू के बीच पक्षी विशेषज्ञ एवं नेचर गाइड सुनील जोशी को इजिप्शियन वल्चर का एक जोड़ा झिरना जोन में दिखा है। पार्क के निदेशक राहुल ने बताया कि कॉर्बेट पार्क में कई प्रकार के गिद्ध हैं। इजिप्शियन वल्चर का झिरना में दिखना बेहतर संकेत हैं। मौजूदा समय में पार्क में पर्यटन गतिविधियां बंद हैं। मानवीय हस्तक्षेप न के बराबर है। इसीलिए पक्षी बेहतर प्रवास कर रहे हैं।
ठंड शुरू होते ही कॉर्बेट से लौटते होता है शुरू: पक्षी विशेषज्ञ बताते हैं कि कॉर्बेट पार्क में इजिप्शियन वल्चर काफी कम संख्या में दिखते हैं। गिद्ध प्रजाति का पक्षी गर्मियां शुरू होते ही आने लगते हैं। ठंड शुरू होते ही यह गिद्ध कॉर्बेट से लौटने लगते हैं। अंडरविंग पैटर्न और पच्चर के आकार की पूंछ इसे उड़ान में विशिष्ट बनाती है। पार्क में इनकी कितनी संख्या है, इसकी जानकारी नहीं है।
ऐसा होता है गिद्ध का व्यवहार: पक्षी विशेषज्ञ मनोज कुमार ने बताया कि यह मिश्र के गिद्ध मुख्य रूप से कैरियन पर भोजन करते हैं, लेकिन अवसरवादी होते हैं और छोटे स्तनधारियों पक्षियों और सरीसृप का शिकार भी करते हैं। कॉर्बेट में पहुंचे इन दिनों इन गिद्धों पर प्रशासन को शोध करने की जरूरत है। क्योंकि यह नेचर के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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