उत्तराखंड

सड़क के लिए धरने पर बैठे वृद्घ और बच्चे

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चमोली। जनवरी की कड़कड़ाती ठंड में सूदूरवर्ती गांव डुमक में सड़क की मांग के लिए ग्रामीणों के साथ सौ वर्षीय बच्ची देवी सहित 3 से 10 वर्ष के बच्चे सड़क की मांग के लिए धरने पर बैठे हैं। वृद्घा बच्ची देवी के इस जज्बे को देख कर क्षेत्र और गांव के ग्रामीणों को अपने मिशन के लिए ताकत मिल रही है। सेंजी लग्गा डुमक सड़क निर्माण की मांग के लिए बनी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक लक्ष्मण सिंह नेगी, राजेन्द्र सिंह भंडारी ने बताया कि समुद्र तल से 7000 फिट की ऊंचाई पर स्थित सुदूरवर्ती डुमक गांव के ग्रामीण सड़क निर्माण की मांग के लिए गांव में धरने में बैठे हैं। गांव की सबसे वृद्घ बच्ची देवी जिनकी उम्र 100 है, वे भी धरने पर बैठीं हैं। 90 वर्षीय बचन सिंह, 3 वर्ष का वंश दीप भंडारी, अनूप भंडारी, 5 वर्ष का गौरव 10 और गांव के हर उम्र के लोग धरने पर बैठे हैं। धरने पर बैठीं बच्ची देवी सरकार, प्रशासन से कहतीं हैं कि हमें आपसे सिर्फ सड़क चाहिए। सड़क के अलावा कुछ नहीं। शिक्षा, स्वास्थ्य और नये युग के लिए सड़क चाहिए। पीढ़ियों से सड़क की मांग कर रहे हैं। पर हमेशा ग्रामीणों को छला जा रहा है। अबकी बार सड़क लेकर ही रहेंगे। मैकोट सेंजी लग्गा सड़क निर्माण की मांग के लिए बनी संयुक्त संघर्ष समिति का आन्दोलन 13 वें दिन भी जारी रहा। संघर्ष समिति ने सड़क निर्माण में देरी और सड़क के गलत समरेखण लिए पीएमजीएसवाई को जिम्मेदार मानते हुए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधिकारियों का पुतला दहन किया। मैकोट सेंजी लग्गा डुमक सड़क की मांग के आन्दोलन को लेकर जोशीमठ की उर्गम घाटी, सोनल घाटी और दशोली विकास खंड के 112 से अधिक गांव जुड गए हैं। आन्दोलन से जुड़े राजेन्द्र सिंह भंडारी बताते हैं कि सड़क के लिए ग्रामीण एकता बनाये रखने के लिए रविवार से दशोली विकास खंड के गांवों की भी यात्रा शुरू हो गई है।

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