हाथी की धमक, काश्तकारों की फसल की तबाह

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : जंगल से सटे आबादी क्षेत्रों में हाथी की धमक कम होने का नाम नहीं ले रही। मंगलवार रात पश्चिमी झंडीचौड़ में हाथियों ने खूब उत्पात मचाया। हाथियों ने काश्तकारों के खेतों में खड़ी फसल को तबाह कर दिया। काश्तकारों ने वन विभाग से हाथी के आतंक से निजात दिलवाने की मांग की है।
झंडीचौड़ का अधिकांश भाग जंगल से लगा हुआ है। ऐसे में आए दिन हाथी जंगल से निकलकर आबादी में धमक रहे हैं। पिछले एक सप्ताह से लगातार हाथी आबादी में पहुंचकर काश्तकारों की फसल को चट कर रहे हैं। मंगलवार रात हाथियों का झुंड आबादी में पहुंच गया था। घंटों आबादी में घूम रहे हाथियों ने शोभा देवी, यशवंत सिंह के खेतों में खड़ी फसल को तबाह कर दिया। काश्तकारों ने एकजुट होकर कड़ी मशक्कत के बाद हाथियों को वापस जंगल में खदेड़ा। पार्षद सुखपाल शाह ने बताया कि क्षेत्र में हाथी सुरक्षा दीवार निर्माण के साथ ही वन कर्मियों की गश्त बढ़ाने के लिए कई बार वन विभाग को पत्र दे चुके हैं। लेकिन, अब तक समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई। बताया कि क्षेत्र के अधिकांश परिवार खेती पर ही निर्भर हैं। ऐसे में फसल बर्बाद होने से उन्हें आर्थिकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बताया कि काश्तकारों के हितों को देखते हुए हाथी को आबादी में आने से रोकने के लिए जल्द ही व्यवस्थाएं बनाई जानी चाहिए। साथ ही काश्तकारों को नुकसान का भी मुआवजा मिलना चाहिए।

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