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इमोशनल कार्ड, केंद्रीय चुनाव आयोग पर सवाल, शिंदे गुट पर हमला, फेसबुक लाइव में क्या बोले उद्घव ठाकरे

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मुंबई, एजेंसी। चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना के नाम और धनुष-बाण चिह्न को अस्थायी रूप से फ्रीज करने के फैसले के बाद उद्घव ठाकरे ने पहली बार कुछ बोला है। उन्होंने आज फेसबुक लाइव के जरिए राज्य के लोगों से बातचीत की। इस दौरान एक तरफ उद्घव ने इमोशनल कार्ड खेला, वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय चुनाव आयोग पर सवाल भी उठाए। साथ ही ठाकरे ने एक बार फिर शिंदे गुट के ऊपर तीखा हमला बोला है। अपने संबोधन के दौरान उद्घव ठाकरे ने जमकर इमोशनल कार्ड खेला। उन्होंने कहा कि मैं बालासाहेब ठाकरे का बेटा हूं। मेरे पिता और दादा ने मुझे सिखाया है कि अगर आपके अंदर आत्मविश्वास है, तो कोई भी आपको रोक नहीं सकता। उद्घव ने कहा कि उद्घव कुछ नहीं है, बल्कि यह उद्घव बाला साहेब ठाकरे है। यही वह बात है, जो मुझे खास बनाती है। उन्होंने कहा कि मुझे आज भी याद है कि कैसे 19 जून, 1966 को शिवाजी पार्क में शिवसेना की नींव पड़ी थी। उन्होंने कहा कि बालासाहेब मराठी मानुष के मुद्दे मार्मिक वीकली के जरिए उठाया करते थे।
इस दौरान उद्घव ने एक बार फिर बागियों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बगावत करने वालों की नीयत काली होती है। यह लोग शिवसेना को खत्म करने जा रहे हैं। उद्घव ने कहा कि बालासाहेब के बेटे नहीं चाहते थे कि वह मुख्यमंत्री बनें। इसलिए उन्हें भाजपा की मदद से मुख्यमंत्री पद मिला। यहां तक तो ठीक था, लेकिन अब वह शिवसेना प्रमुख बनना चाहते हैं। यह थोड़ा ज्यादा हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैं आज फिर से इन विद्रोहियों को चुनौती देता हूं। अगर वाकई हिम्मत है तो बालासाहेब ठाकरे नाम का इस्तेमाल किए बिना मैदान में आइए और चुनाव लड़िए।
इतना ही नहीं, उद्घव ठाकरे ने चुनाव आयोग पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि हमने मांग की कि विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे पर पार्टी के चुनाव चिह्न पर फैसला नहीं दिया जाना चाहिए। हमारा कहना था कि यह मामला अभी कोर्ट में है, लेकिन चुनाव आयोग ने चुनाव चिह्न फ्रीज कर दिया। कल हमें एक नया चुनाव चिह्न सुझाने का विकल्प भेजने का निर्देश दिया गया। हमने तीन संकेतों का विकल्प दिया है, त्रिशूल, मशाल और उगता हुआ सूरज। शिवसेना के नाम के लिए बालासाहेब ठाकरे, शिवसेना बालासाहेब प्रबोधनकर ठाकरे और शिवसेना उद्घव बालासाहेब ठाकरे का भी सुझाव दिया गया है। अब चुनाव आयोग को इस पर जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए। ताकि हम जनता के सामने जा सकें।

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