उत्तराखंड

वनाग्नि रोकने को सामुदायिक सहयोग पर दिया जोर

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चमोली। सीपी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केन्द्र, जागो हिमालयन समिति एवं सहयोगी संगठनों की ओर से जंगलों को दवानल से बचाने के लिए चलाई जा रही चार दिवसीय जन-जागरूकता पद यात्रा का थराली में समापन हो गया है। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में पहुंचे बतौर मुख्य अतिथि बद्रीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे ने कहा कि वन हमारे सुरक्षित जीवन के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं, बिना इसके मानव सहित अन्य जीव जंतुओं का जीवन संभव ही नहीं है। उन्होंने वनाग्नि को रोकने के लिए सामुदायिक सहयोग पर बल दिया। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए थराली की नगर पंचायत अध्यक्ष दीपा भारती ने साल दर साल जंगलों में दवानल के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए इसे रोकने के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने की बात पर बल दिया। मध्य पिंडर रेंज थराली के वन क्षेत्राधिकारी हरीश थपलियाल, अलकनंदा भूमि संरक्षण के वन क्षेत्राधिकारी रवींद्र निराला, जागो हिमालयन समिति के निदेशक रमेश थपलियाल ने कहा कि वनाग्नि की अधिकांश घटनाएं मानवीय भूलों के कारण होती हैं, जिन्हें जागरूकता कायक्रमों से कम किया जा सकता है। वन पंचायत संगठन के प्रदेश संयोजक गोविंद सोनी, पर्यावरण मित्र हरीश सोनी ने कहा कि वन पंचायत को पूरा अधिकार दिए जाने की आवश्यकता है जिससे वन पंचायतें अपने आस-पास के वन क्षेत्रों को भी दवानल से सुरक्षित रख सके। इस मौके पर पूर्व जिपंस गोदांबरी रावत वन पंचायत सरपंच महिपाल सिंह रावत, सरपंच बीरेंद्र सिंह, राजेन्द्र रावत न महिलाओं को वनों के प्रति अधिक से अधिक जागरूक करने के साथ ही उन्हें आग बुझाने की वैधानिकता तकनीकी की जानकारी देने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर सीपी भट्ट पर्यावरण के पद यात्री विनय सेमवाल एवं मंगला कोठियाल एवं शिक्षक सतेन्द्र भंडारी ने पद यात्रा के अनुभवों को साझा किये। इस अवसर पर सर्वोदयी कार्यकर्ता वचन सिंह रावत, प्रीतम सिंह रावत, गंगा सिंह बिष्ट, नरेन्द कुमार, खिलाप सिंह, राकेश सती, खीमानंद खंडूड़ी, नगर पंचायत थराली के अधिशासी अधिकारी डंकार कौशल उपस्थित थे।

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