उत्तराखंड

सम्मेलन में संस्त भाषा को बढ़ावा देने पर जोर

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देहरादून। संस्त भारती की ओर से जनपद स्तरीय संस्त सम्मेलन में संस्त भाष को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। सम्मेलन में संस्त भाषा में निहित ज्ञान, विज्ञान, कला, संस्ति के सभी विषयों पर मंथन हुआ। रविवार को नगर निगम टाउन हल में सम्मेलन का शुभारंभ टपकेश्वर महादेव मंदिर के महंत स्वामी ष्णा गिरि, ड़ विनीश गुप्ता, पार्षद विमल गौड़ और संस्तभारती देहरादून के संरक्षक डा सूर्य मोहन भट्ट ने किया। आर्ष कन्या गुरुकुल की विदुषियों एवं पौधां गुरुकुल के आचार्यों ने वेद पारायण किया। वक्ताओं ने संस्त भाषा में निहित ज्ञान परंपरा पर व्याख्यान दिए। कहा कि संस्त ज्ञान परंपरा भारतीय चिंतन की पराकाष्ठा है। सम्मेलन में संस्त भाषा के प्रोत्साहन के लिए रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। इस मौके पर संस्त भाषा में निहित विज्ञान के मूल अवधारणाओं के विषय पर प्रदर्शनी आयोजित की गयी। प्रदर्शिनी में गणित, भूगोल, खगोल, अंतरिक्ष, विज्ञान आदि विषयों पर उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अनुसंधान परिषद के समन्वय से आयोजित किया गया। तृतीय सत्र में भारतीय कलाओं का प्रदर्शन किया गया। भारतीय कलाओं पर आधारित गीत, नृत्य, नाटक आदि शास्त्रीय कलाएं पेश की गई। इस मौके पर मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत, वैज्ञानिक ड़ ओम प्रकाश नौटियाल, वरिष्ठ सर्जन ड़ माधव मैठाणी, संस्त के प्राचार्य ड़ राम मभूषण बिजल्वाण, संस्त भारती के प्रांत संगठन मंत्री गौरव शास्त्री संजू प्रसाद ध्यानी, प्रदीप सेमवाल, नागेंद्र व्यास मौजूद रहे।

 

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