उत्तराखंड

आज भी जस की तस हैं विधानसभा के आसपास बसे गांवों की समस्याएं

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चमोली। गैरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बने तीन वर्ष से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन विधान सभा परिसर के ईद-गिर्द बसे गांव की समस्याएं आज भी जस की तस हैं। सिलपाटा विकास संर्घष समिति के अध्यक्ष खीम सिंह नेगी का कहना है कि क्षेत्र के अधिकांश गांव सड़क मार्ग से जुड़ गए हैं, लेकिन अनुसूचित जाति का गांव चुरमुटी आज भी सड़क मार्ग से दूर है इस कारण ग्रामीणों का डेढ़ किमी पैदल ही सफर करना पड़ता है। कहा कि सुगड़ बैंड-सिलपाटा मार्ग को बने 12 वर्ष का समय बीत गया है, लेकिन मार्ग रखरखाव के अभाव में सड़क दुर्घटनाओं को न्योता दे रहा है। पूर्व प्रधान संत राम का कहना है कि आयुर्वेदिक चिकित्साल में चिकित्सक न होने कारण लोगों को इस स्वास्थ्य केंद्र का लाभ नही मिल पा रहा है वही राजकीय इंटर कलेज में भवन अभाव के साथ कई शिक्षकों व प्रधानाचार्य का पद खाली है। सिलपाटा संर्घष समिति अध्यक्ष केएस नेगी ने शासन-प्रसाशन से क्षेत्र की समस्याओं को समाधन करने व सड़क मार्ग को चुरमुटी तक ले जाने के बाद छिमटा गांव तक मिलाने की मांग की है।

 

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