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एक्सक्लूसिव न्यूज: कोटद्वार नगर निगम का टैक्स बवाल: खुद आग लगकर फायर बिग्रेड को बुला रहा नगर निगम बोर्ड, एक और बवाल, माल ढोने वाले वाहनों पर भी लगेगा कर, टैक्स को लेकर कांग्रेस कर रही दोहरी राजनीति, बोर्ड बैठक में कराया प्रस्ताव पारित

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में नगर पालिका कोटद्वार के पूर्ववर्ती क्षेत्र एवं नये सम्मलित क्षेत्रों में स्थित गैर आवासीय सम्पत्तियों पर गृहकर यानि हाऊस टैक्स लगाने को लेकर हालत यह हो गई है कि जनता की भावनाओं को आग लगाने के बाद फायर ब्रिगेड को बुलाया जा रहा है। कोटद्वार में पिछले एक महीने से राजनीतिक दलों से लेकर नगर निगम बोर्ड की महापौर व कुछ पार्षद विरोध में खड़े होकर त्रस्त कोटद्वार की जनता को उकसाने में लगे हुए है। जबकि हकीकत यह है कि नगर निगम कोटद्वार की महापौर की अध्यक्षता में दस माह पूर्व इसी वर्ष 25 फरवरी को बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया था कि नगर पालिका कोटद्वार के पूर्ववर्ती क्षेत्र एवं नये सम्मलित क्षेत्रों में स्थित गैर आवासीय सम्पत्तियों पर स्वकर निर्धारण करते हुए गृहकर लगाने की सहमति प्रदान की गई है।
नगर निगम बोर्ड के इस प्रस्ताव के तहत नगर निगम कोटद्वार द्वारा अक्टूबर माह में नगर पालिका कोटद्वार के पूर्ववर्ती क्षेत्र व नगर निगम में नये शामिल हुए क्षेत्रों में स्थित गैर आवासीय सम्पत्तियों पर गृहकर की दरें समाचार पत्र में प्रकाशित कर एक माह के अंदर आपित्तयां मांगी थी। गृहकर की दरें प्रकाशित होने पर कोटद्वार में इस बात पर बवाल खड़ा हो गया कि जब नगर निगम का निर्माण किया गया तो तब सरकार ने दस साल जनता पर टैक्स न लगाने का वादा किया था। लेकिन गैर आवासीय सम्पत्तियों पर टैक्स की दरें प्रकाशित होते ही 25 फरवरी 2020 को सर्व सम्मति से पारित प्रस्ताव करने वाले निगम बोर्ड की महापौर और अनके पार्षद जनता के बीच घूम-घूम कर इस टैक्स के खिलाफ जनजागरण करने लगे और जनता से इसके खिलाफ मुखर होकर आपत्तियां दर्ज करने को कहा। साथ ही सरकार से कहा कि कोटद्वार में इस टैक्स के रोपण से उपजे बवाल की आग को टैक्स खत्म कर बुझाये।
अब सवाल यह पैदा होता है कि चालीस पार्षदों और एक महापौर वाले नगर निगम बोर्ड ने जब दस माह पूर्व 25 फरवरी 2020 को स्वयं सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर नगर निगम पालिका कोटद्वार की पूर्ववर्ती क्षेत्र तथा नगर निगम में सम्मलित नये क्षेत्रों में गैर आवासीय सम्पत्तियों पर गृहकर लगाने की सहमति प्रदान कर दी थी तो उसे नगर निगम के पक्ष में खड़े होने के बजाय उसके विरोध करने का कौन सा नैतिक अधिकार था। अब तक जनता में यह भ्रम फैलाया जा रहा था कि यह टैक्स सरकार द्वारा नगर निगम पर थोपा गया है, जिसका आम जनता को विरोध करना चाहिए। इस दौरान एक माह के अंतर्गत कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के लगभग 4 हजार लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई है। लेकिन जब नगर निगम ने क्षेत्र में गैर व्यवसायिक सम्पत्तियों पर गृहकर लगाने का प्रस्ताव खुद ही पारित किया हो तो तब कौन सी स्थिति बनती है कि नगर निगम जनता की आपत्तियों पर कोई संज्ञान लेगा।

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एक और बवाल, माल ढोने वाले वाहनों पर भी लगेगा कर
कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत गैर व्यवसायिक सम्पत्तियों पर गृहकर लगाये जाने का बबाल अभी थमा भी नहीं है कि नगर निगम ने इसी के साथ एक और प्रस्ताव भी पारित किया है जिससे मालवाहक वाहन स्वामियों में भी रोष बढ़ सकता है। नगर निगम बोर्ड ने 25 फरवरी 2020 को ही सर्व सम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है कि नगर क्षेत्र में व्यवसायिक सामान ढ़ोने वाले वाहनों पर प्रवेश/निकासी शुल्क लगाया जाय। जिसमें प्रवेश शुल्क को लेकर प्रस्ताव में कहा गया कि इसकी दरों के लिए एक कमेटी का गठन करने का अधिकार महापौर को दिया गया है। अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि महापौर ने कमेटी का गठन किया है या नहीं और यदि किया है तो कमेटी ने इसके लिए क्या दरें तय की है इसका भी अभी तक खुलासा नहीं किया गया है। व्यवसासियक सामान के वाहनों पर प्रवेश/निकासी शुल्क लगने पर क्षेत्र में महंगाई बढ़ना निश्चित है, जिससे मालवाहक वाहन स्वामियों के साथ ही आम जनता भी उद्वेलित हो सकती है।

टैक्स को लेकर कांग्रेस कर रही दोहरी राजनीति, बोर्ड बैठक में कराया प्रस्ताव पारित
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह बिष्ट ने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम की महापौर श्रीमती हेमलता नेगी और पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी सम्पत्ति कर के मामले में कोटद्वार की जनता को भ्रमित कर रहे है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो मेयर ने बोर्ड बैठक में निगम क्षेत्र में सम्पत्ति कर लगाने का प्रस्ताव पारित कराया है वहीं जगह-जगह सम्पत्ति कर के विरोध में रैली निकालकर जनता को गुमराह किया जा रहा है। पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस का विकास से कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस टैक्स को लेकर दोहरी राजनीति कर रही है। कांग्रेस की कथनी और करनी में बहुत अंतर है।
प्रेस को जारी बयान में पूर्व जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा कि नगर निगम की 25 फरवरी 2020 की बोर्ड बैठक में महापौर द्वारा भवन एवं व्यवसायिक कर का प्रस्ताव पास कराया गया है, जबकि उत्तराखण्ड सरकार आज भी अपने फैसले 10 साल तक नवगठित निकायों से कोई टैक्स न लेने के निर्णय पर अमल कर रही है। ऐसे में नगर निगम की महापौर श्रीमती हेमलता नेगी कोटद्वार की जनता पर टैक्स थोपकर जनता को भ्रमित व शोषण कर रही है। जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत कुछ दिन पूर्व ही कह चुके है कि नवगठित निकायों में शामिल ग्रामीण क्षेत्र की जनता से 10 साल तक किसी भी प्रकार का कर नहीं लिया जाएगा, लेकिन नगर निगम की महापौर एवं पूर्व मंत्री टैक्स के नाम पर राजनीति कर जनता को गुमराह कर रहे है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द वर्मा ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा कि एक ओर नगर निगम कोटद्वार में 25 फरवरी 2020 को बोर्ड बोर्ड में नगर निगम में सम्मलित ग्रामीण क्षेत्रों की गैर आवासीय सम्पत्ति पर कर लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया। वहीं दूसरी ओर महापौर श्रीमती हेमलता नेगी व पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी सड़कों पर उतरकर कोटद्वार की जनता को उक्त सम्पत्ति कर के विरोध में जागरूकता अभियान चला रहे, जबकि मेयर की अध्यक्षता में फरवरी माह में सम्पन्न हुई नगर निगम की बोर्ड बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों पर आवासीय सम्पत्ति पर कर लगाने का प्रस्ताव पारित किया। उन्होंने कहा कि अब महापौर श्रीमती हेमलता नेगी और पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी उक्त कर का विरोध कर रहे है, जो कि कांग्रेस की दोहरी राजनीति है।

महेन्द्र रावत बोले मेयर और पूर्व मंत्री बताये क्यों कर रहे राजनीतिक नौटंकी
उत्तराखण्ड क्रांति दल के वरिष्ठ नेता महेन्द्र्र ंसह रावत ने कहा कि जब नगर निगम कोटद्वार ने खुद ही गृहकर आदि टैक्स लगाने का प्रस्ताव पास किया है तो फिर कांग्रेसी मेयर हेमलता नेगी और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी राजनीतिक नौटंकी क्यों कर रहे है। यह उनको जनता को बताना होगा। 25 फरवरी 2020 को कोटद्वार नगर निगम में एक प्रस्ताव आया था जिसमें मेयर श्रीमती हेमलता नेगी और कांग्रेस के पार्षदों ने नगर क्षेत्र में सम्मिलित नए क्षेत्रों पर संपति कर थोपने का प्रस्ताव पारित किया। सुरेन्द्र सिंह नेगी और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती हेमलता नेगी आजकल कोटद्वार नगर निगम द्वारा थोपे गए उस टैक्स के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं जिसको लगाने का प्रस्ताव खुद उन्होंने ही पारित किया है। कोटद्वार नगर निगम में सम्मिलित 35 ग्रामसभाओं पर 10 वर्षों तक कोई भी कर नहीं थोपा जाना चाहिए, यही कोटद्वार का जनमत है।

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