कोटद्वार-पौड़ी

प्रदेश में भू कानून के समर्थन मे सोशल मीडिया पर छिड़ा अभियान

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

– प्रदेश में चल रही है भू-कानून को लेकर वृहत स्तर पर अभियान
-एआईसीसी सदस्य ने कहा नया भूमि बंदोबस्त और मूल निवास लागू किया जाय लागू
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। उत्तराखंड में नया भू-कानून बनाए जाने की मांग तेजी पकड़ रही है। इसके लिए सोशल मीडिया पर अभियान छिड़ चुका है। सोशल मीडिया में सामाजिक, राजनीतिक, साहित्य, संगीत के साथ ही अनेक क्षेत्रों से जुड़े व्यक्ति भू-कानून के समर्थन में अपनी राय रख रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस की एआईसीसी के सदस्य व पूर्व प्रदेश महासचिव राजपाल बिष्ट ने भी भू कानून का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को एक मजबूत भू-कानून की आवश्यकता है। प्रदेश में नया भूमि बंदोबस्त किए जाने के साथ ही मूल निवास प्रमाण पत्र भी लागू किया जाय।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) सदस्य राजपाल बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड पृथक राज्य की संकल्पना के मूल में पहाड़ी क्षेत्रों के जल, जंगल व जमीन पर यहां के मूल निवासियों के हक-हकूक सुरक्षित रखे जाने की बात थी। उत्तर प्रदेश में रहते हुए इस पहाड़ी क्षेत्र में बाहरी लोगों को भूमि खरीद में अधिकत्तम 500 वर्ग मीटर की छूट थी। उत्तराखंड बनने के बाद इसे संशोधित कर यह सीमा घटाकर 250 वर्ग मीटर की गई थी। लेकिन वर्तमान प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018-19 में बाहरी लोगों को यहां भूमि खरीद में सारी पाबंदियों को हटा दिया गया है। सरकार का यह फैसला मूल निवासियों के हक-हकूकों पर डाका है। उन्होंने कहा कि सरकार भू-माफियाओ को बढ़ावा देकर प्रदेश की संस्कृति व पहचान को नष्ट करने का षडयंत्र करने पर आमादा है। बिष्ट ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम सहित कई पर्वतीय राज्यों में मजबूत भू-कानून हैं। इन प्रदेशों में बाहरी लोगों के भूमि खरीद पर पूर्ण पांबदी है। पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में मजबूत भू-कानून का आधार धारा 371 है। उत्तराखंड में भी धारा 371 लागू किए जाने की बड़ी आवश्यकता है। एआईसीसी सदस्य राजपाल ने कहा कि उत्तराखंड में वर्ष 1962 के बाद से आज तक कोई भूमि बंदोबस्त नहीं हुआ है। जिसका खामियाजा यहां के मूल निवासियों को झेलना पड़ रहा है। प्रदेश में नया भूमि बंदोबस्त किया जाना चाहिए। बिष्ट ने कहा कि प्रदेश में खत्म किए गए मूल निवास को पुन: लागू किया जाय।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!