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पंजाब में फिर खफा किसान: प्रदेश भर में प्रदर्शन, रेल ट्रैक किया जाम, दर्जनों ट्रेनें बाधित

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पंजाब, एजेंसी। पंजाब में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने जालंधर छावनी के रेल ट्रैक समेत प्रदेश में कई स्थानों पर धरना दिया।इस वजह से कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं। किसान लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को न्याय व मुआवजा देने और फसलों की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की मांग कर रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पंजाब के साथ-साथ जालंधर छावनी व जालंधर रेलवे ट्रैक पूरी तरह से बंद रहा। इस दौरान किसानों ने पंजाब व केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने कड़े सुरक्षा प्रबंध किए थे। जालंधर छावनी रेलवे ट्रैक पर बैठे किसानों ने कहा कि तीन षि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के कुंडली बार्डर व लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के परिवारों को पांच लाख रुपये मुआवजा व परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने की घोषणा की गई थी। सरकार ने आजतक लागू नहीं किया।
पंजाब व केंद्र सरकारें झूठे आश्वासन दे रही हैं। इसे अब बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसानों का कहना है कि जब उन्होंने दिल्ली में अपना आंदोलन खत्म किया था तो केंद्र सरकार के समक्ष कुछ शर्तों को रखा था। केंद्र सरकार ने उस वक्त आंदोलन खत्म करवाने के लिए तो सारी शर्तें मान लीं लेकिन अब मोदी सरकार वादाखिलाफी पर उतर आई है। केंद्र सरकार से जिन शर्तों पर समझौता हुआ था, अब उनसे पीटे हट रही है।
जालंधर छावनी स्टेशन पर प्रदर्शन कर रहे किसान लखविंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन कानूनों को वापस लेने के बाद किसानों को फसलों का वाजिब दाम मिले, इस संदर्भ में एमएसपी बाबत एक कमेटी बनाई है। इसमें केंद्र सरकार ने पंजाब या हरियाणा के किसी भी षि वैज्ञानिक या शोधकर्ता को शामिल नहीं किया है।
किसानों का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार तीनों षि कानूनों को वापस लेते वक्त किए अपने वादों को पूरा नहीं करती, धरना प्रर्दशन जारी रहेगा। उनका धरना मुख्य रूप से एमएसपी में पारदर्शिता न लाने व लखीमपुर खीरी के अलावा कुंडली बार्डर पर धरने के दौरान मारे गए किसानों को मुआवजा न मिलने के विरोध में है।
वहीं जगरांव रेलवे स्टेशन पर सुबह 11 बजे से 3 बजे तक 4 घंटे किसानों ने रेलवे ट्रैक पर बैठकर रेलों का चक्का जाम किया। बारिश भी ट्रैक पर डटे किसानों का हौसले पस्त न कर सकी। वहीं किसानों ने रेल रोको आंदोलन की शुरुआत किसान आंदोलन में शहीद किसानों को दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्घांजलि देकर की।
आंदोलन के कारण रद्द हुईं नौ ट्रेनें, दो के रूट बदले
फिरोजपुर में भी सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक रेलगाड़ी रोकी गईं। किसानों के आंदोलन की अग्रिम सूचना के चलते रेलवे ने नौ ट्रेनें अप और डाउन रद्द कीं, जबकि नौ ट्रेनें अपने निर्धारित समय से देरी से चलीं और दो ट्रेनों के रूट बदले गए हैं। इस बारे में डीआरएम ने बताया कि रद्द की गई ट्रेनों में लुधियाना -लोहिया, फिरोजपुर- बठिंडा, अमृतसर- पठानकोट, अमृतसर- पठानकोट, पठानकोट- वीकेए, अमृतसर- क्यूडीएन, शामिल है, ये सभी अप डाउन ट्रेनें है।
सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक अबोहर जंक्शन पर खड़ी रही बठिंडा-फाजिल्का ट्रेन
अबोहर रेलवे जंक्शन पर भी सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक ट्रेनें रोकी गईं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बठिंडा से चलकर फाजिल्का जाने वाली पैसेंजर गाड़ी आज जैसे ही अबोहर स्टेशन पर पहुंची तो बड़ी संख्या में किसान पटड़ी पर बैठकर नारेबाजी करने लगे और गाड़ी को आगे नहीं जाने दिया। किसान नेताओं ने केंद्र व पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
वहीं चार घंटे तक ट्रेनें बंद रहने से रेल यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्टेशन अधीक्षक दीनानाथ गोयल ने बताया कि बठिंडा से फाजिल्का जा रही ट्रेन अबोहर स्टेशन पर ही खड़ी रही, जिसे यहीं से वापस बठिंडा भेजा जाएगा। वहीं अंबाला से चलकर श्रीगंगानगर जाने वाली इंटरसिटी गाड़ी को मलोट में रोक लिया गया। जिसे तीन बजे के बाद वहीं से वापस भेजा जाएगा।
किसान पठानकोट र्केट रेलवे स्टेशन के पास भी ट्रैक पर बैठ गए। इसके चलते दिल्ली-जम्मूतवी रेल सेक्शन की ट्रेनों का आवागमन रुक गया। किसानों ने चार घंटे यानी 11 से दोपहर तीन बजे तक रेलवे ट्रैक पर बैठने की घोषणा की है। इससे नई दिल्ली से चलकर जम्मूतवी व पठानकोट आने वाली कई ट्रेंने प्रभावित हुईं।
दिल्ली-पठानकोट एवं इंटरसिटी एक्सप्रेस को जालंधर सिटी रेलवे स्टेशन पर रोक लिया गया। इसके साथ ही स्वराज एक्सप्रेस, मालवा को मुकेरियां तथा डीएमयू जालंधर-वाया पठानकोट अमृतसर को रद्द कर दिया गया। इसी प्रकार, जम्मू से चल कर दिल्ली की ओर जाने वाली मालवा एक्सप्रेस, सुपरफास्ट ट्रेन को कठुआ में ही रोका दिया गया। जिस कारण दिल्ली की ओर जानेवाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
कुल मिलाकर इस रोष प्रदर्शन से दिल्ली-पठानकोट-जम्मूतवी के बीच चलने वाली करीब आधा दर्जन ट्रेनें प्रभावित हुई। आरपीएफ पठानकोट र्केट स्टेशन के प्रभारी एनके सिंह का कहना है कि रेल सेक्शन बाधित होने से करीब आधा दर्जन ट्रेनों को मीरथल, मुकेरियां, कठुआ, सांबा, विजयपुर व अन्य स्टेशनों पर रोका गया है।
अमृतसर में आधा दर्जन ट्रेंने प्रभावित
अमृतसर में सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक किसानों ने रेल और सड़क यातायात ठप रखा। इसके चलते आधा दर्जन से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुईं। जैसे ही सुबह 10 बज कर 55 मिनट पर अमृतसर-जयनगर ट्रेन चलने लगी तो किसान ट्रैक पर बैठ गए और गाड़ी को आगे नहीं जाने दिया। इसी तरह किसानों ने अमृतसर-पठानकोट गाड़ी को भी जाने से रोक दिया। जिससे यात्रियों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
यात्री अमृतसर रेलवे स्टेशन पर तीन बजे तक अपनी ट्रेनों के इंतजार में बैठे रहे। रेल ट्रैक व सड़कों पर दिए धरनों के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों के साथ किसान महिलाएं भी शामिल हुईं। पंजाब किसान सभा ने अमृतसर-अटारी जीटी रोड पर पुतलीघर चौक पर धरना देकर रोष प्रदर्शन किया। इसी तरह भारतीय किसान यूनियन उग्राहां ने गांव कत्थूनंगल टोल प्लाजा के पास धरना देकर रोष प्रदर्शन किया।
मुक्तसर में किसानों ने घेरा रेलवे प्लेटफार्म
किसानों ने मुक्तसर प्लेटफार्म पर धरना दिया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों के संघर्ष के कारण पुलिस प्रशासन ने सख्त सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। हालांकि किसानों का रेल रोकने का प्रोग्राम तय था, मगर रेलवे विभाग ने किसानों के स्टेशन पर पहुंचने पर फाजिल्का से कोटकपूरा जाने वाली डीएमयू को फाजिल्का से आगे लक्खेवाली में ही रोकना पड़ गया।

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