गेहूं की अगेती प्रजाति की बुआई में जुटे किसान
रुड़की। नवंबर माह में किसान गेहूं की अगेती प्रजाति की बुआई करने में जुट गए हैं। पोपुलर उगाने वाले किसान भी गेहूं की अच्छी पैदावार लेने के लिए अगेती फसल के लिए बुआई कर रहे हैं। भगवानपुर क्षेत्र के आठ-दस गांवों में सौ एकड़ से अधिक भूमि के रकबे में किसान गेहूं की अगेती फसल प्रजाति की बुआई कर चुके हैं। छांगामजरी के किसान अनूप सिंह ने बताया कि गांव में पिछले दो दिनों से गेहूं बुआई का काम चल रहा है। सिंचाई के बाद कुछ किसान अभी भी गेहूं बुआई के लिए खेतों को तैयार करने में लगे हैं। बताया कि गांव के कई किसानों ने पोपुलर उगाने के साथ गेहूं की पैदावार लेने के लिए 50 एकड़ से अधिक भूमि में अभी तक बुआई की है। नागल पलुनी के किसानाषीपाल ने बताया कि पोपुलर के साथ गेहूं की पैदावार लेने के लिए अगेती प्रजाति की बुआई ही लाभकारी है। उन्होंने बताया कि पोपुलर के साथ की अगेती की बुआई 4 से 5 कुंतल गेहूं की पैदावार ली जा सकती है। जिस कारण नवम्बर माह के शुरू में ज्यादातर किसान पोपुलर की फसल के साथ गेहूं की अगेती प्रजाति की बुआई कर रहे हैं। उनका कहना है कि 50 एकड़ से अधिक भूमि में अभी तक गेहूं की अगेती प्रजाति की बुआई किसान कर बंदाखेड़ी के किसान पवन ने बताया कि क्षेत्र के लघु षकों ने भी पोपुलर व यूकेलिप्टिस खेतों में लगाया हुआ है। उक्त किसान सब्जी फसल के साथ अब इन खेतों में ही अगेती गेहूं बुआई में जुटे किसान गेहूं की बुआई भी कर रहे है। जिससे 40 एकड़ से अधिक रकबे में लघु षक भी गेहूं प्रजाति डब्लू 222 की बुआई किए हुए है। भगवानपुर षि ईकाई प्रभारी दिनेश सिंह ने बताया कि भगवानपुर क्षेत्र के आस पास खेतों में अधिकांश किसानों ने पोपुलर उगाया हुआ है। पोपुलर के साथ गेहूं की अच्छी पैदावार लेने के लिए अगेती प्रजाति की बुआई ही किया जाना जरूरी है। क्योंकि पटेती प्रजाति की बुआई करने से फसल पकने के समय मार्च माह में पोपुलर के पेड़ों से पतझड़ होना शुरू हो जाता है। नतीजतन गेहूं की उचित पैदावार नहीं हो पाती है। जिस कारण क्षेत्र में किसान गेहूं की अगेती प्रजाति की बुआई कर रहे हैं।