कोटद्वार-पौड़ी

कोराना का भय: अपने बना रहे दूरी, एसडीआरएफ दे रहा सहारा

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मृतकों के शवदाह से लेकर गांवों में कर रही लोगों को जागरुक
जयन्त प्रतिनिधि।
श्रीनगर।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के जवान कोरोना महामारी के दौर में पीडितों के लिए दोस्त, भाई और बेटे का फर्ज अदा कर रहे हैं। कोरोना संक्रमित शवों से जब अपने भी दूरी बना रहे हैं तो ऐसे में एसडीआरएफ के जवान इन शवों को कांधा दे रहे हैं। साथ ही मृतकों का धर्मानुसार रीतिरिवाजों के साथ अंतिम संस्कार भी कर रहे हैं। एसडीआरएफ अब तक 11 कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी हैं।
एसडीआरएफ ने दो गांव भी गोद लिए हैं। यहां एसडीआरएफ संक्रमित ग्रामीणों की मदद करेगी। जरूरत पड़ने पर आक्सीजन सिलेंडर की भी व्यवस्था करेगी। कोरोना महामारी में एसडीआरएफ पीड़ित परिवारों व जरूरतमंदों की सेवा में जुटी हुई है। कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए कई बार लोग जुट नहीं पा रहे हैं। जिसके पीछे परिजनों को अस्पताल में मौजूद न होना या फिर कोरोना संक्रमण का भय है। ऐसे में एसडीआरएफ के जवान शव के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उठा रहे हैंं। एसडीआरएफ के जवान मृतकों के धमर्सनुसार अंतिम संस्कार कर रहे हैं। एसडीआरएफ की श्रीनगर यूनिट इंचार्ज मंजरी नेगी ने बताया कि अब तक उनकी यूनिट 11 शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी है। उन्होंने बताया के यूनिट ने विकासखंड खिर्सू में डुंगरीपंथ व स्वीत गांव गोद लिए हैं। इन गांवों में दो-दो जवानों की ड्यूटी लगाई गई है। यूनिट संक्रमण होने पर इन गांवों का सैनिटाइजेशन करेगी। साथ ही ग्रामीणों के कोरोना संक्रमित होने पर दवाइयां और सैनिटाइजर उपलब्ध कराएगी। यदि किसी ग्रामीण को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरुरत हुई तो उसकी व्यवस्था भी करेगी। नेगी ने बताया कि गांव में तैनात एसडीआरएफ के जवान यह भी निगरानी करेंगे कि किसी ग्रामीण की तबियत तो खराब नहीं हो रही है। किसी की तबियत खराब होने पर उसको अस्पताल भेजने में मदद की जाएगी। ग्रामीणों को कोविड गाइडलाइन के प्रति जागरुक भी किया जाएगा।

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