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नीतीश कुमार की चुनावी सभा में जमकर हुई मारपीट, खूब चलीं कुर्सियां

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मुजफ्फरपुर, एजेंसी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इधर मंच से भाषण देते रहेय उधर चुनावी सभा में उन्हें सुनने आए युवाओं के बीच जमकर मारपीट होती रही और खूब कुर्सियां भी चलीं। यह पूरा वाक्या शुक्रवार को कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव को लेकर जदयू उम्मीदवार के समर्थन और प्रचार के लिए आयोजित रैली का है। इस घटना के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। चूंकि रैली मुख्यमंत्री की थी तो इस हंगामे और अफरा-तफरी की इस स्थिति को संभालने के लिए पुलिस कर्मियों ने भी तुरंत मोर्चा संभाला।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में जदयू के उम्मीदवार मनोज कुशवाहा के समर्थन में रैली करने के लिए केरमा पहुंचे थे। यहां के हाईस्कूल के खेल मैदान में उनकी रैली आयोजित की गई थी। सीएम नीतीश जनसभा को संबोधित करते हुए रोजगार देने को लेकर अपनी बात कह रहे थे। इसी दौरान हंगामे की स्थिति बनीय जो धीरे-धीरे बढ़कर हाथापाई और फिर कुर्सियां चलाए जाने तक पहुंच गई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना भाषण शुरू करते हुए कहा कि बिहार के विकास का क्रम जारी रहेगा। कुर्सी संभालने के बाद से समाज के सभी तबके का उत्थान किया है। आगे भी करता रहूंगा। कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव को लेकर जदयू उम्मीदवार मनोज कुशवाहा के समर्थन में वह केरमा हाईस्कूल के खेल मैदान में शुक्रवार को जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 10 लाख युवाओं को नौकरी और 10 लाख को रोजगार के साधन सरकार उपलब्ध करा रही है। दूसरी ओर केंद्र सरकार बस प्रचार कर रही है, कोई काम नहीं हो रहा थाय इसलिए उनका साथ छोड़ दिया। अब पुरानी जगह पर आ गए हैं। नीतीश ने कहा कि कुछ लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं। वह समाज को बांट रहे हैं। मंच की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां सब साथ हैं। बिहार बहुत आगे जाएगा।
चुनावी सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंच से भाषण में सीएम की कुर्सी संभालने के बाद की अपनी उपलब्धियां गिनाईं। इधर, सभा शुरू होने के साथ ही कुछ युवक सीटीईटी और एसटीईटी का पोस्टर लेकर हंगामा कर रहे थे। सभा के मंच से बार-बार इन युवाओं को समझाया भी गया। मंच संचालक की ओर से कहा भी गया कि चिंता नहीं करें, सभी को नौकरी मिलेगी। इसके बावजूद वे लगातार हंगामा करते रहे। मुख्यमंत्री का संबोधन शुरू होने पर युवाओं ने हंगामा और तेज कर दिया। इसे देख वहां मौजूद कुछ लोगों ने युवाओं के साथ मारपीट शुरू कर दी। यह मामला इतना बढ़ा कि कुर्सियां चलने की नौबत आ गई। इस दौरान कई कुर्सियां टूट भी गईं। कुछ देर के लिए वहां अफरातफरी का माहौल बन गया। ऐसे में सीएम की रैली को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने मोर्चा संभाला और स्थिति को काबू किया। बाद में सीएम नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि पोस्टर दिखाने वाले भी अपना हित सोचकर वोट डालें। सबको नौकरी मिलेगी तो शिक्षक भी बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चियों को शिक्षा देने का लाभ बिहार को दूसरे रूप में भी मिला। राज्य में प्रजनन दर चार से घटकर 2़9 हो गई है। इसके अलावा जीविका के माध्यम से महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा। उन्होंने सात निश्चय योजना की चर्चा करते हुए कहा कि युवाओं को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड और स्वयं सहायता भत्ता के रूप में मदद दी जा रही है। अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति एवं महिलाओं को रोजगार के लिए 10 लाख रुपये कााण दिया जा रहा है। इसमें पांच लाख तक की सब्सिडी है। इतने सब काम हुए हैं। नल का जल योजना की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में योजना पहले आई थी। केंद्र इसके लिए राशि देकर कह रहा है कि उसका नाम दे दीजिए, मगर हमने राशि नहीं ली। देना है तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दें।
चुनावी रैली में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र को डेढ़ सौ से अधिक एथनाल फैक्ट्री का प्रस्ताव भेजा गया था। इसमें से 17 को ही स्वीति मिली। टूटे चावल, मक्का एवं गन्ना से एथनाल बनेगा तो राज्य की तस्वीर बदलेगी। शिक्षक भर्ती की मांग करने वाले अभ्यर्थियों को उन्होंने कहा कि यह चुनावी सभा है। इसलिए कोई घोषणा नहीं कर सकते। इंजतार कीजिए। सब अच्छा होगा।

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