उत्तराखंड

नदियों में करंट लगाकार मछली मारने वाले सक्रिय

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बागेश्वर। जिले में इन दिनों नदियों में बिजली का करंट लगाकर मछली मारने वाले सक्रिय हो गए हैं। कुछ लोग बिजली की लाइन से तो कुछ जनरेटर से करंट लगा रहे हैं। ऊर्जा निगम ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए पांच-पांच घंटे बिजली कटौती करनी शुरू कर दी है। इस पर कांडा क्षेत्र के लोगों ने आपत्ति जताई है। उन्होंने ऊर्जा निगम से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। मालूम हो गर्मी आते ही नदियों में मछली का शिकार करने वाले भी सक्रिय हो जाते थे। पहले यह लोग विस्फोटक सामग्री से शिकार करते थे। विस्फोटक सामग्री मिलनी बंद हो गई तो लोगों ने बिजली के करंट का सहारा लेना शुरू किया। जून में ऐसे लोग और सक्रिय हो जाते हैं। इन दिनों नदियों में पानी का स्तर भी काफी कम हो जाता है। सरयू, गोमती, कुलुर, पुंगर, पिंडर, रामगंगा तथा अन्य छोटी-छोटी नदियों में मछलियों का शिकार होता है। कई बार करंट की चपेट में आने से लोगों की भी मौत हो चुकी है। दो साल पहले कपकोट और महिनिया गधेरे में करंट की चपेट में आने से मछली मार रहे लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। इसके बाद ऊर्जा निगम ने ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान चलाया था। गर्मियों में कांडा क्षेत्र में एक बार फिर अराजक तत्व सक्रिय हो गए हैं। बार-बार बिजली की लाइन में कांटा डालने से लाइन में भी फल्ट आ रहा है। इसे देखते हुए विजयपुर विद्युत केंद्र ने 12 से पांच बजे तक कटौती करनी शुरू कर दी है। इस पर क्षेत्र के लोगों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए विभाग अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहा है और लोगों की समस्या बढ़ा रहा है। बिजली के अभाव में लोगों का फ्रिज में रखा सामान खराब हो रहा है। साथ ही कुटी उद्योग धंधे ठप हो गए हैं। उन्होंने जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेकर ऊर्जा निगम को कार्रवाई करने के निर्देश देने की मांग की है। इधर, जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने बताया कि ऊर्जा निगम को ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए जाएंगे। कहा मछली का शिकार करना कानूनन जुर्म है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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