उत्तराखंड

जंगली जानवरों से नुकसान पर मिले पांच हजार प्रति नाली फसल मुआवजा

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जयन्त प्रतिनिधि।
चमोली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और उत्तराखंड वनाधिकार आंदोलन के संयोजक किशोर उपाध्याय ने कहा कि सरकारों को किसानों के लिए जंगली जानवरों से फसल का मुआवजा 5 हजार प्रति नाली देना चाहिए। यही नहीं जंगली जानवरों से जन हानि पर 50 लाख और पीड़ित परिवार के आश्रित को नौकरी की व्यवस्था होनी चाहिए। गुरूवार को यहां एक होटल में पत्रकार वार्ता में किशोर उपाध्याय ने कहा कि जो भी दल वनाधिकार आंदोलन पर अमल करेगा वह उसके समर्थन में रहेंगे। उपाध्याय ने कहा कि वनाधिकार आंदोलन की मांग है कि सरकार प्रत्येक परिवार को एक गैस सिलेंडर निशुल्क दे। साथ ही सरकार लोगों के बिजली और पानी के बिलो को भी माफ करे। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि 2006 के वनाधिकार कानून के तहत पुश्तैनी अधिकार और हक हकूकों को वापस करने का प्रावधान है। लेकिन कोई भी सरकार इस पर अमल नही कर पाई है। उन्होंने कहा कि आज जंगलो पर सरकार का कब्जा है । ऐसे में लोगों को यहां की चीजों का लाभ नही मिल पा रहा है। वही पहाड़ो की जड़ी बूटियों पर यहां के लोगो का अधिकार होना चाहिए। कहा कि केंद्र सरकार ने ओबीसी आरक्षण से दायरे से छूटे लोगो के चिन्हीकरण का आदेश दिया है। ऐसे मे यहां के अधिक से अधिक लोगो को ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण में शामिल किया जा सकता है। जिसके लिए सरकारों को प्रयास करना चाहिए। इस मौके पर कांग्रेस प्रदेश महामंत्री हरिकृष्ण भट्ट, पूर्व उपाध्यक्ष भुवन नौटियाल, जिलाध्यक्ष वीरेंद्र रावत, नगर अध्यक्ष महेश खंडूड़ी, विधानसभा सहप्रभारी ईश्वरी मैखुरी सहित अन्य मौजूद थे।

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