उत्तराखंड

कोहरे से ट्रेनों और बसों के पहियों की रफ्तार धीमी

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रुड़की। कोहरे से रुड़की में ट्रेनों और बसों का संचालन गड़बड़ा गया। रफ्तार धीमी होने से एक तरफ जहां स्टेशन पर यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं दूसरी ओर रोडवेज बस अड्डे पर भी समयसारिणी से बसें नहीं चल पाई। अड्डे पर यात्रियों का दोपहर के बाद ही आवागमन बढ़ा।
दिसंबर का आधा से ज्यादा महीना बीत चुका है। अब कड़ाके की ठंड पड़ने की शुरुआत हुई है। पिछले सप्ताह भी घने कोहरे के कारण ठिठुरन बढ़ गई थी। वहीं मंगलवार को एक बार फिर सुबह सवेरे घना कोहरा छाया रहा। घने कोहरे से पारा लुढ़का तो वही बसों और ट्रेनों की रफ्तार भी धीमी हो गई। चंडीगढ़ पाटलिपुत्र एक्सप्रेस 11रू30 घंटे, जम्मू कोलकाता एक्सप्रेस 3 घंटे, उदयपुराषिकेश एक्सप्रेस 2रू30 घंटे, लखनऊ चंडीगढ़ एक्सप्रेस 2 घंटे की देरी से रुड़की रेलवे स्टेशन पर पहुंची। इस दौरान मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, धनबाद, नजीबाबाद, शाहजहांपुर, हरदोई, अयोध्या, गया, कोलकाता,ाषिकेश, सहारनपुर, यमुनानगर, जगाधरी और चंडीगढ़ आदि जगहों पर जाने के लिए यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। 2 घंटे 30 मिनट से 11 घंटे 30 मिनट की देरी से रुड़की रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 पर पहुंची। इससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। यात्री श्याम सुंदर, सुषमा देवी, हरवीर सिंह और प्रकाश यादव आदि यात्रियों ने बताया कि वह चंडीगढ़ पाटलिपुत्र से वाराणसी और कोलकाता जा रहे हैं। लेकिन उनकी ट्रेनें अपने निर्धारित समय से काफी देरी से प्लेटफार्म पर आई है। वहीं ट्रेनों से परेशान हुए कुछ यात्री रोडवेज बस अड्डे पर भी पहुंचे। लेकिन वहां भी कम यात्रियों को देखकर संचालन देरी से किया गया। बसे करीब 30 मिनट से ज्यादा का वक्त गुजारने के बाद रुड़की बस अड्डे से अपने गंतव्य की ओर चली। कोहरे के कारण यात्रियों की संख्या काफी कम रही। जबकि आम दिनों में संख्या पांच से छह हजार के बीच रहती है। यात्रियों की संख्या कम होने पर आमदनी पर भी फर्क पड़ना है। जबकि रोजाना छह से सात लाख के करीब आमदनी रोडवेज की बसें कर लेती है। निगम के पास फिलहाल 36 बसों का बेड़ा है। जिनमें निगम और अनुबंधित बसें शामिल है। कनिष्ठ केंद्र प्रभारी राम कुमारी ने बताया कि मंगलवार को कोहरा होने के कारण यात्रियों की संख्या कम रही। दोपहर के बाद यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी। मौसम का असर संचालन और यात्रियों की संख्या पर पड़ा है।

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