कोटद्वार-पौड़ी

वन पंचायतों के सरंपचों के सुझाव लिए

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : जिला मुख्यालय पौड़ी के जिला पंचायत बैठक हाल में विकेंद्रीकृत वन प्रबंधन हेतु वन पंचायतों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। इस दौरान विशेषज्ञों ने वन पंचायत के इतिहास पर चर्चा की। इस दौरान कार्यक्रम में वन विभाग के अधिकारी व 25 वन पंचायतों के सरपंचों ने प्रतिभाग किया प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान वन पंचायतों के प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएं भी रखीं। प्रशिक्षण कार्यक्रम वन पंचायत के सरपंचों ने अपनी-अपनी समस्याएं भी बताई।
जिला पंचायत के पुराने सभागार में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर ने उत्तराखंड विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषण के सहयोग से मध्य हिमालय में विकेंद्रीकृत वन प्रबंधन आजीविका एवं नीति के तिगत सुझाव विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित हुआ। पहले दिन कार्यक्रम का उदघाटन एचएनबी श्रीनगर गढ़वाल यूनिवर्सिटी के फॉरेस्टरी एंड नेचुरल सिसोर्स के हेड प्रो. आरसी सुंदरियाल ने किया। उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में वन पंचायतों का क्या महत्व है। इस दौरान वन पंचायतों के सरंपचों के सुझाव भी लिए। सामाजिक कार्यकर्ता हेम गैरोला ने वन पंचायत का इतिहास व नियमों के बारे में बताया। इसके अलावा उन्होंने कुमाऊं फोरेस्ट ग्रीवेंस कमेटी के विषय से संबंधित जानकारी दी। इस मौके पर सोयम फॉरेस्ट डविीजन के रेंजर आशीष मोहन तिवारी, रेंजर ललित मोहन नेगी, असिस्टेंट प्रो. जेएस बुटोला ने आदि ने भी विचार रखे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अक्षय सैनी, रेखा राना, अशोक मीणा, प्रिया बंसल आदि शोधार्थी भी रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!