लैंसडौन वन प्रभाग में अवैध कटान पर वन दरोगा व वन आरक्षी निलंबित
-कण्वाश्रम बीट में नापखेत की आड़ में अवैध कटान का मामला
-दो आरोपियों को भी किया गया है गिरफ्तार, 61 पेड़ों की अनुमति लेकर काट दिए 153 पेड़
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : लैंसडौन वन प्रभाग के अंतर्गत कण्वाश्रम बीट में नापखेत की आड़ में अवैध कटान के मामले में वन दरोगा व वन आरक्षी पर गाज गिरी है। प्रभारी डीएफओ अमरेश कुमार ने दोनों को निलंबित कर दिया है। उधर, अवैध कटान में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। जिन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई है। फिलहाल वन विभाग की टीम मामले की जांच कर रही है।
लैंसडौन वन प्रभाग के प्रभारी डीएफओ अमरेश कुमार ने बताया कि कण्वाश्रम बीट में 61 चीड़ के पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई थी, लेकिन वहां अवैध कटान की शिकायत मिली। जिस पर मामले में जांच बैठाई गई। जांच में पता चला कि उक्त 61 पेड़ों की आड़ में करीब 153 पेड़ों को काटा गया है। मामले में वन विभाग की टीम ने दो लोगों ईड़ा मल्ला निवासी पुष्कर सिंह व कांडई निवासी सत्यपाल को गिरफ्तार किया। वहीं, जांच के दौरान कण्वाश्रम बीट में तैनात वन दरोगा देवमणि पांडे व वन आरक्षी डबर सिंह की अवैध कटान में संलिप्तता पाई गई। जिस पर दोनों को निलंबित कर दिया गया है।
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वन विभाग की एसओजी टीम पर उठ रहे सवाल
वर्ष 2017-2018 में तत्कालीन डीएफओ ने लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज, दुगड्डा रेंज, कोटड़ी रेंज, लैंसडौन रेंज व लालढांग रेंज के वन क्षेत्र में आपराधिक घटनाओं पर नजर रखने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया था। जिसे एसओजी के नाम से जाना जा रहा है। टीम में एक डिप्टी रेंजर के साथ चार से पांच अन्य फॉरेस्ट गार्ड शामिल थे। इस टीम को जिम्मेदारी दी गई थी कि लैंसडौन वन प्रभाग में अवैध कटान, वन्य जीवों का शिकार आदि पर नजर रखें और यदि ऐसा होता है तो आरोपियों को गिरफ्तार करें। हालांकि, पिछले दिनों कण्वाश्रम बीट में हुए अवैध कटान के मामले में इस टीम को कोई सूचना ही नहीं मिली। ऐसे में टीम की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमी है। उधर, लैंसडौन वन प्रभाग के प्रभारी डीएफओ अमरेश कुमार का कहना है कि स्पेशल टास्क फोर्स को अवैध कटान की सूचना देर से मिली। हालांकि टीम पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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