नियमों के उल्लंघन पर सरकारी राशन की चार दुकानें निलंबित
-राशन विक्रेताओं को बायोमेट्रिक के आधार पर ही राशन का वितरण करने के निर्देश
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : शासन की ओर से जारी निर्देशों के क्रम में समस्त राशनकार्ड धारकों को बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के आधार पर राशन वितरण किए जाने को लेकर कोटद्वार डिपो से संबद्ध समस्त सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं की बैठक ली गई। इस दौरान उन्हें निर्देश दिए गए कि प्रत्येक विक्रेता अपने-अपने राशनकार्ड धारकों की बॉयोमेट्रिक फिंगरप्रिंट के माध्यम से ही राशन का वितरण करें। यदि किसी एफपीएस के द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन नही किया जाता है तो उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। इस दौरान कोटद्वार डिपो से संबद्ध 4 ऐसे एफपीएस जिनके द्वारा अभी तक एक भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं किए गए हैं। साथ ही उनके द्वारा अपने कोटे का राशन ऑफलाइन ही वितरण कर दिया गया और बैठक में भी अनुपस्थित रहे। ऐसे में इनकी दुकानें अग्रिम आदेशों तक निलंबित करते हुए उनसे संबद्ध राशनकार्ड अन्य नजदीकी एफपीएस से तत्काल प्रभाव से संबद्ध कर दिए गए।
जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली ने बताया कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत वितरित होने वाले मुफ्त राशन को शतप्रतिशत बॉयोमेट्रिक फिंगरप्रिंट से ही कार्ड धारकों को वितरण किया जाएगा। हालांकि, कुछ राशन विक्रेता जानबूझकर कार्ड धारकों को फिंगरप्रिंट के माध्यम से राशन का वितरण नहीं कर रहे हैं। इस संबंध में ही कोटद्वार में बैठक का आयोजन किया गया। जिसके संबंध में सभी एफपीएस को सूचना दे दी गई थी, लेकिन उसके बावजूद कुछ एफपीएस अनुपस्थित रहे। साथ ही वह ऑनलाइन कार्य भी नही कर रहे हैं, जबकि शासन द्वारा प्रति दिन इसकी समीक्षा की जा रही है। ऐसी लापरवाही बरतने वाले 13 अन्य एफपीएस की सम्पूर्ण जमानत की धनराशि शासन के पक्ष में जब्त करते हुए नोटिस जारी किए गए हैं। जिला पूर्ति अधिकारी कोहली ने बताया कि जनपद पौड़ी में 881 एफपीएस हैं, जिनमें से 147 एफपीएस अभी भी नॉन एक्टिव हैं। इनके द्वारा अभी तक एक भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नही किया गया है। जिनके खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही की जा रही है। साथ ही कोटद्वार स्थित विभिन्न एफपीएस की दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण भी किया जा रहा है।
जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा “अपात्र को ना-पात्र को हां ” अभियान के तहत ऐसे राशनकार्ड धारकों जो गरीबी रेखा से बाहर हो गए हैं अथवा उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी हो गई है तो वह अपना राशनकार्ड स्वयं 31 मई 2022 तक समर्पित कर सकते हैं। यदि 01 जून से डोर-टू-डोर राशन कार्ड सत्यापन की कार्यवाही में पकड़ में आता है तो ऐसे कार्डधारकों के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत कानूनी कार्यवाही के साथ ही लिए गए लाभ की बाजार मूल्य पर वसूली की कार्यवाही भी की जाएगी।