बिग ब्रेकिंग

फ्रेंकलिन टेम्पलटन को निवेशकों के नौ हजार करोड़ लौटाने का आदेश : सुप्रीम कोर्ट 

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नई दिल्ली,एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने फ्रेंकलिन टेम्पलटन को उसकी छह म्युच्युअल फंड योजना के निवेशकों को 9112 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया है। इसके लिए कोर्ट ने कंपनी को तीन सप्ताह का वक्त दिया है। कंपनी की छह म्यूचुअल फंड योजनाएं बंद की जा रही हैं।
न्यायाधीश एसए नजीर और न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ ने मंगलवार को वीडियो कन्फ्रेंस के जरिये मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। शीर्ष कोर्ट ने एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) म्यूचुअल फंड को पैसा लौटाने की जिम्मेदारी दी है।न्यायालय के इस आदेश पर सभी पक्षों के वकीलों ने सहमति जताई। पीठ ने मामले से जुड़े पक्षों को यह टूट दी कि यूनिटधारकों को धन लौटाने या प्रक्रिया में किसी प्रकार की कठिनाई होने की स्थिति में वे न्यायालय के पास आ सकते हैं।
फ्रैंकलिन टेम्पलटन सर्विसेज लि़क के वकील ने पीठ के समक्ष कहा कि कंपनी एसबीआई म्यूचुअल फंड के साथ मामले में सहयोग करेगी। इससे पहले, पीठ ने 25 जनवरी को कहा था कि वह छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने और निवेशकों या यूनिटधारकों को उनके पैसे वितरित करने के लिए ई-वोटिंग प्रक्रिया को लेकर आपत्ति से संबंधित मुद्दों का पहले निपटान करेगा।
शीर्ष अदालत उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ फ्रैंकलिन टेम्पलटन की अपील पर सुनवाई कर रही है। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में निवेशकों की पूर्व मंजूरी के बिना ‘डेट फंड’ को बंद करने पर रोक लगा दी थी।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल तीन दिसंबर को फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड से छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने के बारे में यूनिटधारकों की मंजूरी लेने के लिए उनकी बैठक बुलाने को लेकर एक सप्ताह के भीतर कदम उठाने को कहा था। कंपनी ने सात दिसंबर, 2020 को कहा था कि उसने यूनिटधारकों से निश्चित आय वाली छह योजनाओं को बंद करने की मंजूरी मांगी है।
फ्रैंकलिन टेम्पलटन की जिन योजनाओं पैसा निवेशकों को वितरित किया जाएगा, वे हैं-इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शार्ट बांड फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शार्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनैमिक एक्रूअल फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम आपुर्चिनिटीज फंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!