स्वतंत्रता सेनानी अमर सिंह भंडारी के पैतृक गांव सौड़ को सड़क का इंतजार

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ग्रामीणों और बच्चों को जंगल के रास्ते जाना पड़ता है मुख्य सड़क तक
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : द्वारीखाल ब्लॉक के अंतर्गत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर सिंह भंडारी का पैतृक गांव सौड़ आज भी सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाया है। स्थिति यह है कि ग्रामीणों को एक से डेढ़ किमी. जंगल के रास्ते से पैदल आवाजाही कर मुख्य सड़क तक पहुंचना पड़ रहा है। गांव के लिए दो किमी सड़क को चार साल पहले स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन अभी वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
ग्राम सौड़ निवासी गौरव सुयाल, संग्राम सिंह भंडारी, सच्चिदानंद सुयाल, भारत भंडारी, सुलोचना देवी, मदन सुयाल, आशीष सुयाल, जगतराम, जसोदा देवी, अनुज सुयाल, नीरज सुयाल आदि ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर सिंह भंडारी ने सेना में रहकर देश सेवा की और देश को आजादी दिलाने में अहम योगदान दिया। वर्तमान में गांव में करीब 30 से 35 परिवार रहते हैं। ग्रामीणों की मांग पर शासन ने मार्च 2020 में गांव तक दो किमी बिरमोली-सुराड़ी सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की। कार्यदायी संस्था लोनिवि दुगड्डा ने गांव तक सड़क निर्माण के लिए एलाइनमेंट भी कर लिया था लेकिन वित्तीय स्वीकृति न मिलने से अभी तक सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है। सड़क ना बनने से सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुर्गों, गर्भवती, बीमार लोगों और स्कूली बच्चों को हो रही है। गांव से बच्चे पढ़ने के लिए करीब डेढ़ किमी. दूर जीआईसी चाक्यूसैण जाते हैं। जंगल होने के कारण वन्य जीवों के हमले का खतरा बना रहता है।

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