देव भूमि की कला व मुस्कुराहट से मेरा पुराना नाता : डा. कुमार विश्वास
भाबर में यूनिकस अकादमी के उद्धाटन समारोह में बोले कवि कुमार विश्वास
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कवि डा. कुमार विश्वास ने कहा कि देव भूमि की कला व मुस्कुराहट से उनका पुराना नाता रहा है। उन्हें जब भी मौका मिलता है वह इस देव भूमि को नमन करने अवश्य पहुंचते हैं। कहा कि केदारनाथ आपदा के दौरान भी वह पीड़ितों की मदद के लिए मैदान में डटे हुए थे। इस दौरान उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से समा बांध दिया।
भाबर क्षेत्र में यूनिकस अकादमी के उद्धाटन समारोह में पहुंचे कवि कुमार विश्वास ने कहा कि अभिज्ञान शाकुंतलम से पता चलता है कि एक ऋषि, कवि व राजा का संबंध क्या होता है। इसी कोटद्वार की धरती पर शिकार के पीछे दौड़ता हुआ सबसे बड़ा राजा दुष्यंत अपने कवि मित्र मांडव के साथ आया था। कालिदास लिखते हैं कि जब राजा ने हिरण के पीछे बाण छोड़ा तो वह हिरण कण्व के आश्रम में घुस गया। जब राजा आश्रम में घुसने लगा तो मांडव ने उन्हें सचेत किया। महाराज अब गुरुकुल आ गया यहां अपना राजत्व मत दिखाईयें। यह ऋषि का आश्रम है यहां विनम्रता के साथ प्रवेश करें। कहा कि आज संतों के आश्रम में मंत्री आ जाएं तो वह प्रसन्न हो जाते हैं। उसके आगे पीछे दौड़ने लगते हैं। इंटरनेट मीडिया पर कई दिन तक संत व मंत्री की तस्वीरें तैरती रहती हैं। जबकि, होना यह चाहिए था कि ऋषि के आश्रम में जाते हुए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को गर्व हो कि हम ऋषि से मिलने जा रहे हैं। कहा कि उत्तराखंड की कला व मुस्कुराहट उन के मन में बसती है। यहां से उनका बहुत पुराना नाता रहा है। उन्होंने अपनी कविता ‘तेरी खामोशियों से जिंदगी में शोर हो जाना..’, ‘तेरी ताकत है मेरे इश्क को कमजोर कर जाना..’, ‘किसी के दिल की मायूसी जहां से होकर गुजरी है..’, ‘तुम्हारी और हमारी रात में बस फरक इतना है..’ ‘मै अपनी गीत गजलों से उसे पैगाम करता हूं..’ से दर्शकों के मन को मोह लिया। अंत में उन्होंने कोई ‘दिवाना कहता है कोई पागल समझता है..’, कविता से माहौल बांध दिया। कवि रोहित शर्मा की हास्य कविताओं ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। कवि रमेश, साक्षी तिवारी की कविताओं को भी दर्शकों ने खूब पसंद किया। इस मौके पर हंस फाउंडेशन के संस्थापक भोले जी महाराज, माता मंगला, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण, पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत आदि मौजूद रहे।