उचित समय पर जम्मू-कश्मीर को दिया जाएगा पूर्ण राज्य का दर्जा, केंद्र ने कहा- 2019 के मुकाबले 2020 में आतंकवाद में आई कमी

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नई दिल्ली, एजेंसी। सरकार ने बुधवार को संसद में कहा कि जम्मू-कश्मीर को वहां के हालात सामान्य होने के बाद उचित समय पर पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उनसे पूछा गया था कि क्या जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का सरकार का कोई प्रस्ताव है और क्या वहां संचार के विभिन्न माध्यमों पर करीब एक साल से जारी प्रतिबंध हटाने के लिए कुछ प्रयास किए गए हैं।
राय ने बताया कि राष्ट्रहित और जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा के हित में पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में विभाजन और वहां संवैधानिक बदलावों को देखते हुए मोबाइल सेवाओं व इंटरनेट जैसे संचार के विभिन्न चौनलों पर पाबंदिया लगाई गई थीं। ये पाबंदियां अस्थायी थीं। समय-समय पर हालात की समीक्षा की गई और धीरे-धीरे पाबंदियां हटा दी गईं। उन्होंने बताया कि पांच फरवरी से पूरे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 4जी इंटरनेट सेवाएं बहाल की जा चुकी हैं। याद दिला दें कि केंद्र सरकार ने 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्टेद-370 को समाप्त कर दिया था।
एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में राय ने बताया, श्2019 के मुकाबले 2020 में राज्य में आतंकी घटनाओं में 59 फीसद की कमी आई, जबकि जून, 2021 तक इसी अवधि में पिछले साल के मुकाबले आतंकी घटनाओं में 32 फीसद की कमी दर्ज की गई है।श् उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, सार्वजनिक परिवहन, सरकारी कार्यालय, शिक्षण एवं स्वास्थ्य संस्थाएं सामान्य रूप से काम कर रही हैं।
कश्मीरी पंडितों पर पूटे गए सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि कश्मीरी पंडितों ने हाल के दिनों में ज्यादा सुरक्षित महसूस किया है जो इस तथ्य से साबित होता है कि 3,841 कश्मीरी युवा कश्मीर वापस लौट गए हैं और प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत कश्मीर के विभिन्न जिलों में नौकरियां कर रहे हैं। इसी योजना के तहत अप्रैल में 1,997 और अभ्यर्थियों का चयन किया गया है, जल्द ही वे भी कश्मीर पहुंच जाएंगे। उन्होंने बताया कि कश्मीर लौटने वाले इन युवाओं को आवास उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने व्यापक नीति तैयार की है। उनके लिए 6,000 रिहायशी इकाइयों का तेज गति से निर्माण किया जा रहा है और एक हजार रिहायशी इकाइयों का इन कर्मचारियों द्वारा पहले से इस्तेमाल किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कश्मीरी पंडितों और डोगरा हिंदू परिवारों समेत ऐसे करीब 900 परिवार कश्मीर में रह रहे हैं।

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