सिंचाई नहर मरम्मत नहीं होने पर रोष, काश्तकारों ने किया प्रदर्शन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सिंचाई नहरों की मरम्मत नहीं होने पर मवाकोट, नंदपुर, कोठला के काश्तकारों ने रोष व्यक्त किया है। कहा कि फसल बर्बाद होने से काश्तकारों को अर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शिकायत के बाद भी सरकारी सिस्टम काश्तकारों की समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा। काश्तकारों ने जल्द मरम्मत कार्य शुरू नहीं होने पर आंदोलन चलाने की चेतावनी दी है। कहा कि काश्तकारों की अनदेखी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सोमवार को काश्तकरों ने तहसील परिसर में प्रदर्शन किया। इसके उपरांत काश्तकारों ने उपजिलाधिकारी को समस्या के संबंध में ज्ञापन भी दिया। विभाग पर काश्तकारों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आपदा के चलते सिंचाई नहरें क्षतिग्रस्त हो गई है। जिनकी मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग की ओर से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे। नतीजा, काश्तकारों की धान की खड़ी फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई है। मालन नदी के उफान से कण्वाश्रम में नहर का हैड पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। सिंचाई नहरों भी मलबा भर गया है। सिंचाई विभाग ने भी अभी तक नहरों की पूरी तरह से सफाई नहीं की है। साथ ही हैड को भी ठीक नहीं करवाया गया है, जिससे काश्तकारों को सिंचाई का पानी नहीं मिल पा रहा है। पानी न मिलने से काश्तकारों की धान की खड़ी फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई है। काश्तकारों ने क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत किए जाने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करने की मांग की है। इस मौके पर बृजमोहन सिंह नेगी, जगमोहन राणा, हर्षपाल सिंह, शांति थापा, योगंबर सिंह, रेनू नेगी, उर्मिला देवी, कमल थापा, अनीता नेगी, मनोरमा रावत, मंजू बिष्ट, वीरेंद्र सिंह मौजूद रहे।