गलत अभियोजन: दिशानिर्देश बनाने और लागू करने का अनुरोध, सुप्रीम कोर्ट में याचिका
नई दिल्ली, एजेंसी। उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को एक याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में सरकारी मशीनरी के माध्यम से श्गलत तरीके से अभियोजनश् के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए दिशानिर्देश बनाने और लागू करने के लिए केंद्र सरकार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने एक सनसनीखेज मामले की पृष्ठभूमि में जनहित याचिका दाखिल की है। इसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 28 जनवरी को दुष्कर्म के दोषी विष्णु तिवारी को निर्दोष घोषित किया था और कहा था कि प्राथमिकी का उद्देश्य भूमि विवाद से संबंधित था।
उसे दुष्कर्म और अनुसूचित जातिध्अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामले में 16 सितंबर, 2000 को गिरफ्तार किया गया था। वह 20 वर्षों से जेल में था। याचिका में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय और विधि आयोग को भी पक्षकार बनाया है।
अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से दाखिल की गई याचिका में उच्चतम न्यायालय से गलत अभियोजनों के पीड़ितों के मुआवजे के लिए दिशा-निर्देश बनाने के लिए अपने पूर्ण संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करने और केंद्र और राज्य सरकारों को इन्हें लागू करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।