गाड़ीघाट खोह नदी के तट पर संचालित किया जा रहा ट्रेंचिंग ग्राउंड
ट्रेंचिंग ग्राउंड से उठ रही दुर्गंध के कारण परिवारों का सांस लेना भी हुआ दूभर
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : गर्मी का मौसम शुरू होते ही गाड़ीघाट स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड में पड़े कूड़े के ढे़र ने आग पकड़नी शुरू कर दी है। होली के दिन रात के समय लगी आग से कूड़ा धू-धूकर जल उठा। कूड़ा जलने के बाद चारों ओर फैले जहरीले धुएं से आसपास आबादी में रहे रहे आमजन का सांस लेना भी दूभर हो गया। जबकि, क्षेत्रवासी कई बार ट्रेंचिंग ग्राउंड को आबादी से बाहर शिफ्ट करने की भी मांग उठा चुके हैं। लेकिन, अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।
कोटद्वार नगर निगम बनने से पूर्व गाड़ीघाट स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड में 11 वार्डों का कूड़ा डाला जाता था, लेकिन नगर निगम गठन के बाद ट्रेंचिग ग्राउंड में चालीस वार्डों का कूड़ा डाला जा रहा है। हर रोज हजारों टन कूड़ा ट्रेंचिग ग्राउंड में डालने के बाद समस्या बढ़ने लगी है। होली की रात अचानक कूड़े के ढे़र ने आग पकड़ दी। जिससे कूड़े के कई ढेर जलकर खाक हो गए। कूड़ा छटाई के लिए लगाई गई निगम की एक मशीन भी जलकर खाक हो गई। आसपास के लोगों ने बताया कि ट्रेंचिंग ग्राउंड के कारण रतनपुर, कुंभीचौड़, गाड़ीघाट के लोगों का जीना मुहाल हो गया है। गर्मी के मौसम में आए दिन ट्रेंचिंग ग्राउंड में आग लगने की समस्या बनी रहती है। आबादी क्षेत्र में बने ट्रेंचिग ग्राउंड को अन्यत्र शिफ्ट करने के लिए स्थानीय लोग कई बार शासन-प्रशासन से मांग कर चुके हैं, लेकिन तंत्र सुध लेने को तैयार नहीं है। कहा कि अभी गर्मी भी शुरू नहीं हुई और कूड़े में आग लगने लगी है। कूड़ा जलने से उठ रहा जहरीला धुआं लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा। जबकि, ट्रेंचिंग ग्राउंड के समीप ही स्टेडियम व मुक्ति धाम भी है।
बेहद खतरनाक है धुआं
कूड़े के जलने से निकलने वाला धुआं मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है। इस धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भारी मात्रा में होती है। यह गैस हवा में घुलकर श्वास नली के जरिये शरीर में प्रवेश कर फेफड़ों के अंदर जम जाती है। कूड़े में पॉलीथिन, कपड़ा व प्लास्टिक का सामान जलने से सल्फाइड व नाइट्रोजन की खतरनाक यौगिक गैस निकलती है। जो स्वास्थ्य के लिए बेहत खतरनाक है। अगर कूड़े में बायोमेडिकल वेस्ट हो तो स्थिति और खतरनाक हो जाती है। बायो मेडिकल वेस्ट से उठता धुआं जानलेवा साबित हो सकता है।