गढ़वाल सर्वोदय मंडल हुआ मुखर, हक के लिए करेगा आंदोलन
-लाल बत्ती चौक का नाम सर्वोदय चौक करने को लेकर लड़ाई का ऐलान
-बोले, लाल बत्ती चौक पर सर्वोदय चौक का बोर्ड लगाने को दिया जाएगा तीन दिन का समय
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : लाल बत्ती चौक का नाम सर्वोदय चौक करने को लेकर गढ़वाल सर्वोदय मंडल ने आंदोलन का ऐलान किया है। मंडल ने चेतावनी दी है कि लाल बत्ती चौक पर सर्वोदय चौक का बोर्ड लगाने के लिए तीन दिन का समय दिया जाएगा, यदि इसके बाद भी मांग पूरी न हुई तो चौक पर ही धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।
गढ़वाल सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष सुरेन्द्र लाल आर्य ने बताया कि शनिवार देर शाम वयोवृद्ध गांधीवादी सर्वोदयी शशिप्रभा रावत के नेतृत्व में मंडल की बैठक हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि आज (सोमवार को) सुबह 11 बजे मालवीय उद्यान में एकत्रित होकर शशिप्रभा रावत के नेतृत्व में नगर निगम की महापौर, नगर आयुक्त व एसडीएम कोटद्वार को ज्ञापन दिया जाएगा। जिसमें बताया जाएगा कि जल्द से जल्द लाल बत्ती चौक पर सर्वोदय चौक का बोर्ड लगाया जाए। यदि ऐसा न किया गया तो वह चौक पर ही धरना-प्रदर्शन शुरू करेंगे। उन्होंने बताया कि जब तक उनकी न्यायोचित मांग पूरी नहीं होगी, उनकी यह लड़ाई जारी रहेगी।
दैनिक जयन्त का जताया आभार
गढ़वाल सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष सुरेन्द्र लाल आर्य ने सालों से दबे इस सर्वोदय चौक के मुद्दे को प्रमुखता से उठाने के लिए ‘दैनिक जयन्त’ समाचार पत्र का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम कोटद्वार ने तो महात्मा गांधी, विनोबा भावे और सर्वोदयी नेता मान सिंह रावत के समाज के लिए किए गए त्याग को भुला दिया है। इसके अलावा शासन की ओर से लाल बत्ती चौक का नाम सर्वोदय चौक करने के आदेश की फाइल भी निगम में ही कहीं धूल फांक रही है। जिसकी ओर नगर निगम ध्यान देने को भी तैयार नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के फैसले को बदल रही हैं कोटद्वार नगर निगम की महापौर
कोटद्वार : लाल बत्ती चौक (नजीबाबाद चौराह) का नाम सर्वोदय चौक रखने के निर्देश वर्ष 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दिए थे। लेकिन आज कोटद्वार नगर निगम की महापौर तत्कालीन मुख्यमंत्री के फैसले को ही मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने तत्कालीन नगर पालिका बोर्ड, सचिव उत्तराखंड शासन और तत्कालीन मुख्यमंत्री के फैसले को अनदेखा करते हुए अपना ही फरमान सुना दिया है। बता दें कि महात्मा गांधी व विनोबा भावे के सर्वोदय के सपने को साकार करने और आमजन को इन महान विभूतियों के बताए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से ही तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लाल बत्ती चौराहे का नाम सर्वोदय चौक रखने का फैसला लिया था। उन्हें उम्मीद थी कि जो भी इस चौक से गुजरेगा, वह सर्वोदयी सोच से अवश्य प्रेरित होगा और समाज के उत्थान के लिए कार्य करेगा। साथ ही यही विनोबा भावे को सच्ची श्रद्धांजलि भी होती। लेकिन, लगता है कि नगर निगम कोटद्वार का कद इतना बड़ा हो गया है कि उसे मुख्यमंत्री तक के फैसले से कोई लेना-देना नहीं है।