जनवरी 2024 तक प्राप्त मतदाता संख्या के अनंतिम आंकड़ों के तहत 13 लाख 58 हजार 703 मतदाता
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : उत्तराखंड को सैनिक बाहुल्य क्षेत्र कहा जाता है। यहां चुनाव में सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़े मतदाता अहम भूमिका निभाते हैं। गढ़वाल लोकसभा सीट में भी सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़े मतदाता काफी अधिक हैं। ऐसे में इस बार लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी इन्हीं मतदाताओं को रिझाने में जुटे हुए हैं। गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर का मुख्यालय भी इसी सीट के अंतर्गत है। ऐसे में इस बार चुनाव में यह मतदाता किसकी तकदीर बदलते हैं यह भविष्य की गोद में छिपा हुआ है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में गढ़वाल संसदीय सीट में मतदाताओं की कुल संख्या 13,55,776 थी। इसमें 6,46,688 महिला और 6,74,632 पुरुष मतदाता थे। वर्तमान में जनवरी 2024 तक प्राप्त मतदाता संख्या के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 13,58,703 है। वर्ष 2019 में संपूर्ण गढ़वाल संसदीय सीट में पौड़ी जिले में सर्वाधिक 42.41 प्रतिशत से अधिक मतदाता रहे। रुद्रप्रयाग जिले में 14.13 प्रतिशत, चमोली में 22.40 प्रतिशत, टिहरी जिले की दो विधानसभा क्षेत्रों में 12.64 प्रतिशत और रामनगर विधानसभा क्षेत्र में 8.39 प्रतिशत मतदाता हैं। संसदीय सीट के अंतर्गत कुल 14 विधानसभा क्षेत्रों में सबसे कम 79,061 मतदाता लैंसडौन में हैं। गढ़वाल संसदीय सीट में सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़े परिवारों की संख्या काफी अधिक है और यही मतदाता चुनाव में निर्णायक भूमिका का निर्वहन भी करते हैं। यही कारण है कि भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशी सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़े मतदाताओं को रिझाने में जुटे हुए हैं।
84 प्रतिशत हिंदू मतदाता
गढ़वाल सीट पर करीब 84 प्रतिशत हिंदू, दस प्रतिशत मुस्लिम, चार प्रतिशत सिख और दो प्रतिशत इसाई मतदाता हैं। हिंदुओं के दो प्रमुख तीर्थ धाम बदरीनाथ और केदारनाथ के साथ पंच बदरी व पंच केदार के अलावा सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ हेमकुंड साहिब समेत कई प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन स्थल इस क्षेत्र में हैं।