14 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय में गरजी भोजन माताएं
कहा न्यूनत्तम वेतनमान व सामाजिक सुरक्षा प्रदान करे सरकार
जयन्त प्रतिनिधि
पौड़ी। न्यूनत्तम वेतनमान, सामाजिक सुरक्षा तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी घोषित किए जाने समेत 14 सूत्रीय विभिन्न मांगों को लेकर भोजन माताएं प्रदेश सरकार पर जमकर बरसी। उन्होंने शिक्षा मंत्री के पांच हजार का मानदेय दिए जाने की घोषणा का जल्द शासनादेश जारी किए जाने की मांग की है।
अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भोजन माताओं ने कलक्ट्रेट परिसर के बाहर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने शिक्षा मंत्री के पांच हजार का मानदेय दिए जाने की घोषणा का जल्द शासनादेश जारी किए जाने की मांग की है। मंगलवार को जिला मुख्यालय में सीटू से संबंद्घ उत्तराखंड भोजन माता कामगार यूनियन ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष रोशनी बिष्ट व जिलाध्यक्ष ऐश्वर्या जुयाल ने कहा कि सरकार लंबे समय से उनकी मांगों की अनदेखी करते आ रही है। कई बार सरकार से अपनी मांगों को लेकर वार्ता भी की गई। लेकिन इसके बाद भी उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। जिससे यूनियन में भारी रोष है । उन्होंने कहा कि शीघ्र ही उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया की आज के आंदोलन में खिर्सू, कोट, कल्जीखाल, पाबौ, पोखड़ा, एकेश्वर, जयहरीखाल, द्वारीखाल सहित विभिन्न विकास खंडों से आकर भोजन माताओं सरकार के खिलाफ मुखर हुए है। उन्होंने कहा कि यूनियन भोजन माताओं को न्यूनत्तम वेतनमाकन 18 हजार दिए जाने, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी घोषित करने, सामाजिक सुरक्षा दिए जाने, मध्याहन भोजन योजना का निजीकरण न करने, भोजन माताओं को हटाए जाने पर रोक लगाने के साथ ही हटाई गई भोजन माताओं को वापस सेवा पर रखने की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री ने भोजन माताओं का मानदेय 2 हजार से बढ़ाकर उसे 5 हजार किए जाने की भी घोषणा की है। जिसका उत्तराखंड भोजन माता कामगार यूनियन ने स्वागत किया है। लेकिन उन्होंने शीघ्र ही इसका शासनादेश भी जारी करने की मांग उठाई है। उत्तराखंड भोजन माता कामगार यूनियन को सीटू के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह रावत व जिला महामंत्री देवानंद नौटियाल ने भी सर्मथन दिया। सीटू के पदाधिकारियों ने उत्तराखंड भोजन माता कामगार यूनियन की मांगों को जायज बताया। इस अवसर पर अनुसूया देवी, मंजू देवी, लीला देवी, सरोजनी देवी, देवेश्वरी देवी, लक्ष्मी देवी, उर्मिला चमोली, टीका प्रसाद आदि शामिल रहे।