उत्तराखंड

भाषा के संस्कार की अच्छी पहल

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चमोली। चमोली गौचर डाइट संस्थान में पांच दिवसीय कार्यशाला में रोंग्पा की मार्च्छा भाषा और तोलच्छा भाषा का प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में 29 शिक्षक और शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जोशीमठ, दशोली, नन्दानगर आदि विकास खंडों मे जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए स्थानीय अभिभावकों, छात्र-छात्राओं के साथ संवाद स्थापित करने के लिए रोंग्पा की मार्च्छा भाषा और तोलच्छा भाषा मे एक मार्गदर्शिका का निर्माण किया जाना है। फाउंडेशनल चरण पर मातृ भाषा में अध्ययन अध्यापन के कक्षा-1 कि पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद रोंग्पा भाषा में किया जा रहा है। प्राचार्य एल0एस0वर्त्वाल ने कहा कि ष्रोंग्पा भाषाष् संरक्षण के सार्थक प्रयास किये जाने की आवश्यकता है उस दिशा में संदर्शिका निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है संस्थान के प्रवक्ता बीरेन्द्र कठैत ने कहा कि प्री प्राइमरी कक्षाओं में छात्रों को उनकी मातृ भाषा में पढ़ाने से वे आसानी से समझ विकसित कर पाते हैं। कार्यशाला मे उपस्थित शिक्षक बैशाख सिंह रावत ने कहा कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौचर की यह पहल प्रशंसनीय हैं। इस कार्यशाला मे बीएस कठैत, आरपी मैखुरी, वाईएस वर्त्वाल, ड जीआर राज, धन सिंह घरिया, बैशाख सिंह रावत, संतोष फोनिया, बचन सिंह डुंगरियाल, बिमला रावत, चंदा डुंगरियाल, सुरेंद्र राणा, आरती खाती, धन सिंह बिष्ट, पुष्पा रावत, माहेश्वरी डांगला, हेमवंती परमार, शेर सिंह परमार, मनोज राणा, भूपेंद्र डुंगरियाल, देवेश्वरी बड़वाल, मंगली मोल्फा, दमयंती बड़वाल सहित अन्य शिक्षक शिक्षिकाऐं मौजूद रही। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक भगत सिंह कंडवाल द्वारा किया गया।

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