कोटद्वार-पौड़ी

सरकार ने सख्त नकल विरोधी कानून बनाया : विपिन

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने कहा कि उत्तराखंड देश कहा पहला राज्य है जहां पर सख्त नकल विरोधी कानून बनाया गया है। जिसके लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति इस प्रकार का अपराध करने की सोचेगा भी नहीं। इस अध्यादेश में दोषियों के विरूद्ध सख्त प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं को नकल विहीन बनाने के लिए सशक्त कानून बनाया है।
विपिन कैंथोला ने उत्तराखण्ड प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए राज्य की धामी सरकार द्वारा 9 फरवरी 2023 को उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 का अनुमोदन प्रदान करने का स्वागत किया। विपिन कैंथोला ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा तथा दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान इस कानून के तहत किया गया है। यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है, तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पांच लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि वह परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुन: दोषी पाया जाता है तो न्यूनतम दस वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है। श्री कैंथोला ने कहा कि यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोषसिद्ध ठहराए जाने की दशा में दस वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान भी इस सख्त कानून के अंतर्गत किया गया है और कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमश: पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। अगर पता चलता है कि इस दोष में संलिप्त व्यक्ति ने अनुचित साधनों के इस्तेमाल से संम्पति अर्जित की है तो ऐसी सम्पति की कुर्की की जायेगी और इस अधिनियम के अन्तर्गत अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं अशमनीय होगा।

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