पौड़ी जनपद में पीसीएस अधिकारियों को भी नहीं भेज पा रही सरकार
-मंडल मुख्यालय की होती रही है उपेक्षा, पौड़ी में नहीं बैठते आयुक्त व डीआईजी
जयन्त प्रतिनिधि
पौड़ी। मंडल मुख्यालय पौड़ी में मंडल स्तर के अधिकारियों को बैठाने में असफल सरकार अब यहां तहसील स्तर पर भी अधिकारी तैनात नहीं कर पा रही है। 12 तहसील व 1 उप तहसील वाले इस बड़े जिले में मात्र 5 एसडीएम और सिर्फ चार तहसीलदार सेवारत हैं। जनपद से दो उपजिलाधिकारियों का तबादला अन्यत्र जनपदों में किया गया जबकि एक ही उपजिलाधिकारी पौड़ी भेजा गया है। इससे स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्रियों की खान कहे जाने वाले पौड़ी जनपद को सरकार कितनी गंभीता से लेती है।
जनपद पौड़ी विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला जनपद है। यहां पौड़ी, थलीसैण, श्रीनगर, कोटद्वार, लैंसडौन, यमकेश्वर, चौबट्टाखाल, सतपुली, चाकीसैण, बीरोंखाल, धुमाकोट व जाखणीखाल तहसीलें हैं। जबकि रिखणीखाल उप-तहसील है। जनपद पौड़ी मुख्यमंत्री का गृह जनपद है। बावजूद इसके इस जनपद में अधिकारियों का टोटा बना हुआ है। एक एसडीएम के पास एक से दो तहसीलों का अतिरिक्त प्रभार है। जिले के दूरस्थ तहसील थलीसैण, चाकीसैण, सतपुली, बीरोंखाल में नियमित एसडीएम लंबे समय से तैनात ही नहीं हुए हैं। जनपद पौड़ी में वर्तमान में 6 एसडीएम सेवारत हैं। जिनमें श्रीनगर में रविंद्र बिष्ट, चौबट्टाखाल में संदीप कुमार, लैंसडौन में अपर्णा ढौंडियाल, कोटद्वार में योगेश मेहरा, यमकेश्वर में मनीष कुमार, पौड़ी एसडीएम सदर एसएस राणा सेवारत हैं। एसडीएम कोटद्वार योगेश मेहरा व यमकेश्वर एसडीएम मनीष कुमार का तबादला हो चुका है। जबकि जिले में एक ही एसडीएम जितेंद्र कुमार को भेजा गया है। इसके बाद जिले में 5 एसडीएम ही रह जाएंगे। वहीं स्थिति तहसीलदार की भी है। जनपद में 12 तहसीलदारों के सापेक्ष श्रीनगर, धुमाकोट, चौबट्टाखाल व पौड़ी में ही तहसीलदार सेवारत हैं। जिनमें से पौड़ी में सेवारत तहसीलदार हरिमोहन खंडूड़ी 30 जून को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। जिसके बाद पौड़ी जिले में तीन तहसीलदार ही रह जाएंगे।
क्या कहते है जिलाधिकारी
जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदंडे का कहना है कि शासन से जिले को दो एसडीएम और दिए जाने का अनुरोध किया गया है। उम्मीद है जल्द ही हमें दो नए एसडीएम मिल जाएंगे। सेवानिवृत्त होने जा रहे तहसीलदार पौड़ी को छ: माह का सेवा विस्तार दिए जाने के लिए भी शासन को पत्र भेजा है। हालांकि सभी तहसीलों में नायब तहसीलदारों को तहसीलदार पद पर अस्थाई पदोन्न्ति दी गई है। जिससे कामकाज प्रभावित नहीं हो रहा है।