आशाओं की मांगों पर मौन बैठी सरकार: प्रभा

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। आशा कार्यकत्रियों ने सरकारी कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम 21 हजार रुपये का मानदेय देने सहित अन्य मांगों को लेकर 41वें दिन रविवार को तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने जल्द ही मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। अध्यक्ष प्रभा चौधरी ने कहा कि सरकार आशाओं के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार विभिन्न योजनाओं की घोषणायें कर रही है, लेकिन आशाओं की मांगों को लेकर सरकार मौन बैठी है। सरकार आशाओं से स्वास्थ विभाग के सभी कार्य करवा रही है, लेकिन मानदेय के नाम पर 2000 रूपये दे रही है।
आशा कार्यकत्रियों ने सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, न्यूनतम 21 हजार रुपये का मानदेय देने, जब तक मानदेय और कर्मचारियों का दर्जा मिलने तक अन्य विभागों से योजनाओं में लगे कार्मिकों की तरह मानदेय देने, सेवानिवृत्त होने पर पेंशन की सुविधा देने, कोविड कार्यों में लगी आशा कार्यकत्रियों को दस हजार रुपये मासिक भत्ता, 50 लाख रुपये का बीमा और दस लाख का स्वास्थ्य बीमा देने, कोविड ड्यूटी के दौरान मृत आशा कर्मियों के आश्रितों को 50 लाख का बीमा और चार लाख का अनुग्रह राशि देने सहित 12 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की मांग की है। इस अवसर पर अध्यक्ष प्रभा चौधरी, उपाध्यक्ष मीरा नेगी, नीलम कुकरेती, लक्ष्मी असवाल, उषा चौहान, मेघा असवाल, कल्पना काला, मीना देवी, उषा देवी, राखी रावत, कलावती देवी, रीता देवी, सीमा शाही, बसंती रावत, मीनाक्षी, सुनीता देवी, अनीता देवी , रोशनी जदली, गुड्डी देवी, सरिता देवी, कांति कंडारी, प्रर्मिला गुंसाई, कल्पना बिष्ट, ज्योति, प्रीति, रंजू नेगी, सुनीता रावत, लक्ष्मी गुंसाई, मीना आदि उपस्थित थे।

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