प्रदेश के अधिवक्ताओं को आर्थिक मदद दे सरकार: तिवारी

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अल्मोड़ा। रानीखेतउत्तराखंड विधि आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एडवोकेट दिनेश तिवारी ने राज्य के पंजीकृत अधिवक्ताओं को दो लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की है। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था का गंभीर असर अधिवक्ताओं पर भी पड़ा है। बीते वर्ष लॉकडाउन के बाद से राज्य में न्यायालयों और न्यायाधिकरणों के लंबे समय से बंद रहने से अधिवक्ताओं को अपनी आय के एकमात्र स्रोत से वंचित होना पड़ा है। अधिवक्ताओं के पास कोई बचत नहीं है, नये व युवा अधिवक्ताओं की आजीविका दैनिक कार्य पर ही निर्भर है। जिससे वे काफी आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। कोरोना महामारी से दर्जनों अधिवक्ताओं ने भी प्राण गंवाए हैं। कर्ज लेकर अस्पतालों का बिल चुकाने को वे मजबूर हैं। आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष तिवारी ने कहा कि अदालतों में वकालतनामा दाखिल करते वक्त लगाया जाने वाला अधिवक्ता कल्याण स्टांप शुल्क राज्य सरकार के पास भी जाता है। इसलिए राज्य का यह दायित्व है कि महामारी के विपरीत दौर में अधिवक्ताओं की खुलकर मदद करे। स्टेट बार काउंसिल ने भी इस पर सहमति जताई है। कहा कि दो लाख की रूपये की सहायता राशि और लॉकडाउन की अवधि तक 20 हजार प्रतिमाह गुजारा भत्ता देने का आदेश सरकार को पारित करना चाहिए।

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