सरकार के दावे हुए खोखले, बंगाली गांव के लोग डेढ़ किमी. दूर से पानी लाने को मजबूर
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : भले ही सरकार हर गांव में मूलभूत सुविधाएं देने के दावे करती हो, मगर हकीकत कुछ ओर ही है। ग्राम पंचायत दिउसा के राजस्व ग्राम बंगानी आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। बंगानी गांव के ग्रामीण आज भी डेढ़ किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव की पेयजल योजना चार दशक पुरानी है, इस योजना की काफी समय से मरम्मत नहीं कराई गई है। जिस कारण गांव में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। लोगों ने मामले को कई बार विभाग के सामने उठाया है, लेकिन अभी तक समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।
जहां एक ओर सरकार घर-घर नल योजना चलाने की बात कर रही है, वहीं बंगानी गांव के ग्रामीण पानी के लिए तरस रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव की 45 वर्ष पुरानी पेयजल योजना थी। जिसकी पाईप लाईन सड़ गल गई है। जिसके कारण गांव में पीने का पानी का अभाव है। पानी की किल्लत के कारण अधिकांश लोग पलायन कर चुके है। अभी भी गांव पचीस परिवार निवास करते हैं। ग्रामीण कई बार मुख्य अभियंता जल संस्थान पौड़ी, क्षेत्रीय विधायक, गढ़वाल सांसद और प्रदेश के मुख्यमंत्री से पेयजल लाईन की मरम्मत की मांग कर चुके है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीण राजेश थपलियाल, प्रेम प्रकाश थपलियाल, जगमोहन तड़ियाल, ऋषि बल्लभ थपलियाल, जय प्रकाश थपलियाल, प्रदीप थपलियाल ने कहा कि एक ही ग्राम पंचायत के दिउसा और कुशियां में ब्यास घाट डांडा नागराजा परियोजना से पानी की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन बंगानी गांव को पेयजल से वंचित किया गया है। जो ग्रामीणों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि कई बार प्रतिनिधि मंडल मुख्य अभियन्ता जल संस्थान पौड़ी से वार्ता कर चुका है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। उन्होंने शासन-प्रशासन से जल्द से जल्द गांव को पेयजल उपलब्ध कराने की मांग की है।