अरुणाचल में चीन से लगती सीमा पर सरकार की खास नजर, बुनियादी ढांचे के लिए बजट 6 गुना बढ़ाया
दिल्ली, एजेसी। केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास पर और ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। सरकार ने यहां बुनियादी ढांचे के विकास के लिए छह गुना अधिक धन आवंटित किया है। 2020-21 में 42़87 करोड़ रुपये से बढ़ाकर इसे 2021-22 में 249़12 करोड़ रुपये किया गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा कि वर्ष 2021-22 में 602़30 करोड़ रुपये बर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड मैनेजमेंट (बीआईएम) योजना के तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए आवंटित किए गए हैं। जबकि 2020-21 में यह बजट 355़12 करोड़ रुपये था।
उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 2020-21 में पूर्वोत्तर में भारत-चीन सीमा के लिए बीआईएम के तहत 42़87 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन इसके लिए 2021-22 में 249़12 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। भारत लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा साझा करता है। वहीं, अरुणाचल प्रदेश चीन के साथ 1,126 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है।
भारतीय सेना और चीन की पीएलए के बीच अप्रैल 2020 से लद्दाख में गतिरोध बना हुआ है। राय ने कहा कि 2020-21 में भारत-म्यांमार सीमा के लिए बीआईएम के तहत 17़38 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे जबकि 2021-22 में इसके लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। उन्होंने कहा कि 2020-21 में भारत-बांग्लादेश सीमा के लिए बीआईएम के तहत 294़87 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि 2021-22 के लिए 303़18 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाए गए ये कदम
मंत्री के अनुसार, सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है, जिसमें सीमा सुरक्षाबलों की तैनाती, गश्त द्वारा सीमाओं पर प्रभावी वर्चस्व, नाके लगाना, निगरानी चौकियों की निगरानी और समग्र समीक्षा शामिल है। समय-समय पर तैनाती, नई सीमा चौकियों की स्थापना, निगरानी उपकरणों की तैनाती, खुफिया नेटवर्क को मजबूत करना, सीमा पर बाड़ लगाना भी इसमें शामिल हैं।