उत्तराखंड

क्षतिग्रस्त नहर की मरम्मत कर पानी चलाने के निर्देश, लौटेगी हरियाली

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नई टिहरी। भिलंगना के रौंसाल गांव में वर्ष 2013 की आपदा में सिंचाई नहर के क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों की कई एकड़ सिंचित खेती बंजर हो गई थी। जल्द सिंचाई नहर के बनाने से ग्रामीणों के खेतों में एक बार फिर से हरियाली लौटने की उम्मीद है। एसडीएम घनसाली केएन गोस्वामी ने ग्रीनको पावर प्रोजेक्ट के अधिकारियों और ग्रामीणों के साथ बैठक कर कंपनी को क्षतिग्रस्त नहर की मरम्मत कर पानी चलाने के निर्देश दिए। बैठक में सहमति बनी की 15 मार्च 2023 तक ग्रीनको पावर कंपनी ग्रामीणों की सिंचाई नहर पर पानी उपलब्ध करवाऐगी। स्वास्ति पावर प्रोजेक्ट ने वर्ष 2004 में विद्युत प्रोजेक्ट कार्य शुरू किया, जिसका रौंसाल, फलेण्डा, बहेल्डा और सरुणा गांव के ग्रामीणों ने विरोध किया था, विरोध के चलते ग्रामीण जेल तक जाना पड़ा था। जिसके बाद स्वास्ति पावर प्रोजेक्ट ने ग्रामीणों से अनुबंद किया था, कि ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन फसलों के दौरान ग्रामीणों की नहर पर पानी यथावत रहेगा। दैविक आपदा से अगर नहर को कोई नुकसान होता है, तो उसकी मरम्मत की सम्पूर्ण जिम्मेदारी कंपनी की होगी, मगर उसके बाद स्वास्ति पावर प्रोजेक्ट ने अपना डैम ग्रीनको कंपनी को बेच दिया। वर्ष 2013 की आपदा को बीते नौ साल हो गए, ग्रामीणों के बार बार कहने पर भी पावर प्रोजेक्ट द्वारा क्षतिग्रस्त नहर निर्माण नहीं किया गया, जिस कारण गांवों की षि भूमि बंजर पड़ गई। मामले में कुछ समय पूर्व ग्रामीणों ने एसडीएम घनसाली को ज्ञापन देते हुए आंदोलन की चेतावनी थी। गुरुवार को एसडीएम ने ग्रीनको कंपनी के अधिकारियों को अपने दफ्तर में बुलाकर अनुबंध के मुताबिक 15 मार्च 2023 तक ग्रामीणों को सिंचाई के लिए नहर पर पानी उपलब्ध करने के निर्देश दिये है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों ने पावर प्रोजेक्ट में प्रभावित ग्रामीणों को रोजगार देने की मांग भी है। बैठक में ग्राम प्रधान रौंसाल देवकी देवी, ष्ण गोविंद कंसवाल,सरोप सिंह,कमल सिंह,जयंती प्रसाद,भीम सिंह,मनोज पंवार,दयाल सिंह आदि उपस्थित थे।

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