उत्तराखंड

अतिथि शिक्षकों ने दी आंदोलन की चेतावनी

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देहरादून। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ ने सरकार से मानदेय बढ़ाने और नियमितीकरण के लिए ठोस नीति बनाने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि जल्द मांगों पर कार्यवाही न हुई तो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। संघ के प्रदेश महामंत्री दौलत जगूड़ी ने शनिवार को मीडिया को जारी बयान में कहा कि पिछले नौ साल से अतिथि शिक्षक सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। चार हजार अतिथि शिक्षकों ने प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ शिक्षण कार्य किया। इसका असर राज्य के सरकारी स्कूलों के बोर्ड नतीजों में भी देखा जा सकता है। जहां अतिथि शिक्षक पूरी ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निवर्हन कर रहे हैं, वहीं सरकार और सिस्टम उनकी लगातार अनदेखी कर रहा है। एक सितंबर को डीजी-शिक्षा बंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक का आज तक कार्यवृत्त तक जारी नहीं हुआ। वजूद भी कई प्रभावित अतिथि शिक्षकों को अभी तक समायोजन नहीं हुआ। इस समस्या को खत्म करने के लिये सरकार द्वारा कई बार आश्वासन दिया गया किन्तु अभी तक कोई भी आश्वासन धरातल पर नहीं उतरे। सीएम धामी की पहली कैबिनेट बैठक में भी अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त नहीं माने जाने का निर्णय लिया गया किन्तु 2 साल बाद भी उस पर कोई शासनादेश नहीं निकला। 9 साल की सेवा देने के बावजूद भी अतिथि शिक्षकों का भविष्य अधर में है। अतिथि शिक्षकों ने कहा कि यदि शीघ्र ही सरकार अतिथि शिक्षकों का वेतन बढ़ाने के साथ उनके सुरक्षित भविष्य के लिये कदम नहीं उठाती तो अतिथि शिक्षकों को मजबूर होकर आंदोलन के लिये बाध्य होना पड़ेगा।

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