गुरुकुल और एकम फूड प्रोडेक्ट-दवाइयां करेंगे तैयार
हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय और एकम वेलनेस प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम हरियाणा के मध्य एक एमओयू साइन हुआ है। एमओयू के मुताबिक दोनों मिलकर ऐलोपैथिक और आयुर्वेदिक औषधियों को मिलाकर फूड प्रोडेक्ट एवं दवाइयां विकसित करने का काम करेंगे। विश्वविद्यालय का भेषज विज्ञान विभाग और एकम वेलनेस के द्वारा आठ प्रकार के प्रोडक्स निर्मित किए जायेंगे। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय 18 माह में दवाइयों को लेकर शोध कार्य करेगा और इसके साथ ही भेषज विज्ञान विभाग रिसर्च कर और दवाइयों को तैयार कर एकम वेलनेस को सप्लाई करेगा। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि विश्वविद्यालय के संस्थापक स्वामी श्रद्धानंद का आज से 100 साल पहले जो चिंतन था कि शिक्षा और चिकित्सा एक दूसरे के पूरक हों। एकम वेलनेस लिमिटेड के माध्यम से विश्वविद्यालय का सपना अब पूरा होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐलोपैथिक और आयुर्वेद परस्पर औद्योगिक क्षेत्र में एक नई क्रान्ति को जन्म देने वाले हैं। एकम वेलनेस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक डा. असीम भटनागर ने कहा कि तैयार की जाने वाली दवाइयों का क्लीनिकल ट्रायल उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि, हर्रावाला द्वारा क्लीनिकल ट्रायल पूरा होने के बाद इन दवाइयों का भारत में तो बाजारीकरण होगा ही साथ ही सरकारी संस्थानों में उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री का सपना है कि आयुर्वेद और एलोपैथिक दवाइयां भारत में निर्मित हों, जिससे कि देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सके। एकम वेलनेस के निदेशक रूपेश दत्ता ने बताया कि इन 8 दवाइयों के परिणाम 2-3 साल के समयान्तराल में देश के लोगों के सामने आयेंगे। विशेष बात यह है कि डा. असीम भट्नागर जो डीआरडीओ में एडिशनल डायरेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, इन 8 दवाइयों के उत्पादन में उनके अनुभव विश्वविद्यालय और एकम वेलनेस कम्पनी के लिए मील के पत्थर साबित होंगे। प्रो. सत्येन्द्र राजपूत ने कहा कि अब तक भेषज विज्ञान विभाग में 8 एमओयू साइन हो चुके हैं। एमओयू कमेटी के चेयरमैन प्रो वीके सिंह ने कहा कि साइंस, बीफार्मा, इंजीनियरिंग के अलावा प्रबन्ध अध्ययन संकायों में कई विदेशी विश्वविद्यालयों से एमओयू साईन हुए हैं। बहुत जल्द ही यहां के अध्यापक और छात्र दोनों मिलकर विदेशों में शोध कार्य करने जाने वाले हैं।