उत्तराखंड

संस्ति और संस्कारों की शिक्षा देता है गुरुकुल

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

 

हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय एवं शिक्षक शिक्षकेत्तर वेलफेयर एसोसिएशन के सातवें वार्षिक अधिवेशन में मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड सरकार के श्रम राज्यमंत्री कैलाश पन्त ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय शारदा का मन्दिर है। इस मन्दिर में संस्ति और संस्कारों की शिक्षा दी जाती है। यह वह स्थान है जहां से देश के लिए क्रान्तिकारियों, शिक्षाविदों और पत्रकारों ने कार्य किया है। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय का विजन राष्ट्रवाद के लिए सदैव से रहा है। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ सोमदेव शतांशु ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय को एक बोर्ड बनाया जाएगा। जिससे देश के सभी गुरुकुलों को जोड़ा जाएगा। गुरुकुल हमारी सभ्यता है और गुरुकुल में शिक्षा कार्य हमारी संस्ति है। इस संस्ति को पल्लवित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की चेतना कार्यक्रम को संचालित किया जाएगा। विद्यालय विभाग के मुख्याधिष्ठाता ड़ दीनानाथ शर्मा ने कहा कि एसोसिएशन के पदाधिकारी संस्था के साथ मिलकर काम करें। जिससे संस्था नए-नए पायदानों पर अपना वर्चस्व स्थापित कर सके। यूनियन और संस्था एक सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों को एकसाथ मिलकर कार्य करना चाहिए। एसोसिएशन के संरक्षक प्रो़ श्रवण कुमार शर्मा ने विचार रखे। उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा कि वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए। शिक्षक एवं शिक्षकेतर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा, एसोसिएशन के महामंत्री योगेश सिंह, गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय के प्रधानाचार्य ड़ विजेन्द्र शास्त्री ने विचार रखे। इस अवसर पर पूर्व पार्षद नागेन्द्र राणा, ड़ बृजेश, ड़ हुकम चन्द, अशोक आर्य, अश्वनी आर्य, अमर सिंह, धर्म सिंह, वेदपाल, राजकमल, विजय वर्मा, गौरव शर्मा, अमित सैनी, दीपकमल, धर्मेन्द आर्य, धर्मेन्द्र चौधरी, प्रकाश तिवारी, सज्जन, धीरज कौशिक, मामराज, योगेश शर्मा, अनुज, मुकेश, दिनेश, सत्यवीर, फकीर चन्द आदि उपस्थित रहे। संचालन ड़ योगेश शास्त्री ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!